रात में बन जाते पुलिसवाले
कोलकाता: रात के अंधेरे में महानगर की सड़कों पर पुलिसवाला बन कर गाड़ियों से रुपये वसूली करनेवाले एक गिरोह के तीन सदस्यों को यादवपुर थाने की पुलिस ने गिरफ्तार किया है. आरोपियों के नाम जय रतन कर्मकार (27), वीरू रजक (28) और राजेश रजक (28) बताये गये है. तीनों पाटुली इलाके के रहने वाले है. […]
कोलकाता: रात के अंधेरे में महानगर की सड़कों पर पुलिसवाला बन कर गाड़ियों से रुपये वसूली करनेवाले एक गिरोह के तीन सदस्यों को यादवपुर थाने की पुलिस ने गिरफ्तार किया है. आरोपियों के नाम जय रतन कर्मकार (27), वीरू रजक (28) और राजेश रजक (28) बताये गये है. तीनों पाटुली इलाके के रहने वाले है. इनके पास से एक पुलिस लिखा हुआ कार भी अधिकारियों ने जब्त किया है.
अधिकारियों के मुताबिक रात के अंधेरे में यादवपुर के सुलेखा मोड़ के पास कुछ लोगों को सफेद पोशाक में गाड़ियों से रुपये वसूलते लोगों ने देखा. उनकी हरकतों पर संदेह होने पर इसी बीच लोगों ने रुपये देने वाले एक चालक से पुलिस कर्मियों के संबंध में पूछा. जिसमें उन्हें मालूम चला कि तीन युवक खुद को कोलकाता पुलिस के ट्राफिक विभाग के स्पेशल ब्रांच का अधिकारी बताकर गाड़ियों से दो से तीन सौ रुपये तक वसूल रहे थे. इसकी जानकारी लोगों ने यादवपुर थाने के अधिकारियों को दी. जिसके बाद रात्रि ड्यूटी में तैनात पुलिस कर्मियों को उन कथित पुलिस कर्मियों से पूछताछ के लिए भेजा गया. तभी असली पुलिस को देखकर वे तीनों घबरा गये.
तीनों ने खुद को स्पेशल चेकिंग विभाग का अधिकारी बताया, लेकिन कोई पहचान पत्र नहीं दिखा सके. जिसके बाद लालबाजार में इसकी सूचना दी गयी. जिसके बाद तीनों के नकली पुलिस कर्मी होने का खुलासा होने के बाद सभी को गिरफ्तार कर लिया गया. प्राथमिक पूछताछ में तीनों बेरोजगार है. लिहाजा बेरोजगारी के कारण वे रात के अंधेरे में पुलिस बनकर गाड़ियों से रुपये वसूलते थे. कई महीनों से इनका यह धंधा चल रहा था. शुक्रवार को लोगों को इसकी भनक लगी और असली पुलिस वाले तक बात जा पहुंची. इनके पास से पुलिस लिखा हुआ एक कार भी पुलिस ने जब्त किया है.