अब पुलिस अधिकारी सिखेंगे महिला सुरक्षा का पाठ

कोलकाता: महिलाओं के खिलाफ होने वाले आपराधिक मामले बढ़ने के साथ राज्य के पुलिस अधिकारियों पर उन मामलों में गलत तरीके से निबटने के आरोपों की इतनी बाढ़ आ गयी है कि अब राज्य के गृह सचिव व डीजीपी को मैदान में उतरना पड़ रहा है. राज्य सरकार के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 22, 2014 9:09 AM

कोलकाता: महिलाओं के खिलाफ होने वाले आपराधिक मामले बढ़ने के साथ राज्य के पुलिस अधिकारियों पर उन मामलों में गलत तरीके से निबटने के आरोपों की इतनी बाढ़ आ गयी है कि अब राज्य के गृह सचिव व डीजीपी को मैदान में उतरना पड़ रहा है.

राज्य सरकार के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, महिलाओं के खिलाफ होने वाले आपराधिक मामलों से निबटने के उपाय तलाशने के लिए गृह सचिव एवं डीजीपी जिलों का दौरा करेंगे. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस योजना को हरी झंडी दिखा दी है. प्राप्त जानकारी के अनुसार, इस योजना के तहत गृह सचिव बासुदेव बजर्नी एवं डीजीपी जीएमपी रेड्डी प्रत्येक पंद्रह दिन में एक जिला का दौरा करेंगे और इंस्पेक्टर से लेकर डीआइजी रैंक के अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे.

वर्तमान में महानगर से सटे जिलों पर ध्यान केंद्रित किया जायेगा. एक अधिकारी के अनुसार, सरकार का यह मानना है कि महिलाओं के खिलाफ होनेवाले आपराधिक मामलों को बेहद संवेदनशीलता के साथ निबटाना होगा. गृह सचिव एवं डीजीपी के इन दौरों का मुख्य मकसद जिला पुलिस को यह समझाना है कि इस तरह के मामलों में किसी भी पुलिस वाले द्वारा किये गये असंवेदनशील बयान या व्यवहार से राज्य सरकार की छवि पर भी काफी खराब असर पड़ता है.

जिला पुलिस के साथ इन बैठकों के दौरान गृह सचिव व डीजीपी लंबित पड़े गैरजमानती वारंटों के जल्द निष्पादन पर भी जोर देंगे. इन दौरों का मकसद जमीनी स्तर पर पुलिस के कामकाज में तेजी लानी है. इस योजना के तहत गृह सचिव व डीजीपी बीते 10 जनवरी को उत्तर 24 परगना के मुख्यालय बारासात का दौरा कर चुके हैं. वर्तमान में यह जिला महिलाओं के खिलाफ हो रहे आपराधिक घटनाओं के लिए सुर्खियों में हैं. अगली बारी दक्षिण 24 परगना, हुगली, मुर्शिदाबाद व नदिया जिले की है.

Next Article

Exit mobile version