बंगाल में पहली बार हॉर्स ट्रेडिंग

कोलकाता: पश्चिम बंगाल से राज्यसभा की पांच सीटों के लिए शुक्रवार को हुए चुनाव में विपक्षी खेमे की एकजुटता में सेंध लगाने में सत्तारूढ़ पार्टी कामयाब रही. विपक्षी पार्टियों के क्रॉस-वोटिंग का फायदा यहां की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस को हुआ. राज्यसभा की पांच सीटों के लिए हुए चुनाव में तृणमूल कांग्रेस के चार उम्मीदवार अभिनेता […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 8, 2014 9:29 AM

कोलकाता: पश्चिम बंगाल से राज्यसभा की पांच सीटों के लिए शुक्रवार को हुए चुनाव में विपक्षी खेमे की एकजुटता में सेंध लगाने में सत्तारूढ़ पार्टी कामयाब रही. विपक्षी पार्टियों के क्रॉस-वोटिंग का फायदा यहां की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस को हुआ. राज्यसभा की पांच सीटों के लिए हुए चुनाव में तृणमूल कांग्रेस के चार उम्मीदवार अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती, चित्रकार जोगेन चौधरी, केडी सिंह व अहमद हसन इमरान और वाम मोरचा के ऋतव्रत बनर्जी विजयी हुए हैं. वहीं, कांग्रेस समर्थित निर्दलिए उम्मीदवार एएस मलीहाबादी चुनाव हार गये. वाम मोरचा के तीन विधायकों के टूटने के बाद वाम मोरचा ने पूर्व घोषणा के अनुरूप मलीहाबादी को पहली पसंद का वोट नहीं दिया.

उधर, फॉरवर्ड ब्लॉक के सुनील मंडल और आरएसपी के अनंत देव अधिकारी व दशरथ तिर्की और कांग्रेस के सुशील राय व इमानी विश्वास ने तृणमूल के अहमद हसन के पक्ष में मतदान किया. इस बीच, तृणमूल उम्मीदवार के पक्ष में मतदान करने की कसमें खा रहे शुजापुर से कांग्रेस विधायक आबू नासेर खान चौधरी ने ऐसा करने से परहेज किया और अपनी पार्टी को ही वोट दिया, जबकि तृणमूल कांग्रेस से निष्कासित विधायक व पूर्व सांसद सोमेन मित्र की पत्नी शिखा मित्र ने निर्दल उम्मीदवार मलीहाबादी के पक्ष में मतदान किया.

सुनील मंडल को फॉरवर्ड ब्लॉक ने किया निलंबित

तृणमूल उम्मीदवार को वोट देने के आरोप में फॉरवर्ड ब्लॉक ने अपने विधायक सुनील मंडल को निलंबित कर दिया है. वह गलसी विधानसभा केंद्र से विधायक हैं.

क्रॉस वोटिंग करनेवालों को कांग्रेस ने पार्टी से किया निलंबित
राज्यसभा की पांच सीटों के लिए तृणमूल कांग्रेस के पक्ष में वोट देनेवाले दो कांग्रेसी विधायकों के खिलाफ प्रदेश कांग्रेस ने कार्रवाई करते हुए उन्हें पार्टी से निलंबित कर दिया है. कांग्रेस के दो विधायक सुशील राय व इमानी विश्वास ने चुनाव के दिन कांग्रेस की बजाय क्रॉस वोटिंग करते हुए तृणमूल कांग्रेस के समर्थन में वोट दिया था. इस संबंध में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रदीप भट्टाचार्य को इन दोनों विधायकों के बारे में शिकायत मिल रही थी और जांच चल रही थी. इन दोनों विधायकों को पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए शुक्रवार को पार्टी से छह वर्ष के लिए निलंबित कर दिया गया.

गौरतलब है कि इमानी विश्वास वरिष्ठ कांग्रेसी नेता व केंद्रीय मंत्री अधीर रंजन चौधरी के गढ़ कहे जानेवाले सूती से विधायक हैं, जबकि सुशील राय मालदा जिले की गजोल सीट से विधायक हैं. श्री भट्टाचार्य ने आरोप लगाते हुए कहा कि विधायकों को खरीदने के लिए चिटफंड के धन का इस्तेमाल किया गया. पश्चिम बंगाल में इससे पहले वोटों की खरीद का कोई उदाहरण देखने को नहीं मिला था. फॉरवर्ड ब्लॉक के सुनील मंडल, आरएसपी के अनंत देव अधिकारी और दशरथ तिर्की और कांग्रेस विधायक सुशील राय और इमानी विश्वास ने भी तृणमूल प्रत्याशी अहमद हसन के पक्ष में मतदान किया.

उधर, आरएसपी के राज्य सचिव क्षिति गोस्वामी ने बताया कि आरएसपी के मैनागुड़ी के विधायक अनंत देव अधिकारी व कुमारग्राम के विधायक दशरथ तिर्की को पार्टी से निष्कासित करने की प्रक्रिया शुरू हुई है. पार्टी इस संबंध में बातचीत कर रही है. शीघ्र ही फैसला लिया जायेगा. दूसरी ओर, वाम मोरचा के तीन विधायक व कांग्रेस के दो विधायक शीघ्र ही तृणमूल में शामिल होंगे.

किसने क्या कहा
मुझे खुशी है कि तृणमूल के सभी उम्मीदवार विजयी हुए. मैं उन्हें बधाई देती हूं. वे राज्य व देश के हित में काम करेंगे. यह मां, माटी, मानुष की जीत है. बंगाल में खरीद-फरोख्त नहीं, बल्कि आदर्श व नीति के अनुसार मतदान होता है. चूंकि वामो व कांग्रेस में अशुभ गंठबंधन हुआ था, इसलिए वामो के तीन विधायकों ने हमारा समर्थन किया.
ममता बनर्जी, मुख्यमंत्री
बंगाल में सत्तारूढ़ पार्टी बाजार की पार्टी है. पार्षदों की खरीद-फरोख्त के बाद अब विधायकों की खरीद-फरोख्त हुई. राज्य की राजनीति में खरीद-फरोख्त नहीं होती थी, लेकिन अब वर्तमान सरकार ने इसे भी शुरू कर दिया है.
डॉ सूर्यकांत मिश्र, विपक्ष के नेता

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