कोलकाता: अभाव के कारण महिला ने 3 माह के बेटे को बेचा

रेलपार (आसनसोल): मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के राज्य में रिकॉर्ड विकास और खुशहाली के दावे को आइना दिखाते हुए आसनसोल उत्तर थाना अंतर्गत राष्ट्रीय राजमार्ग दो के निकट तपसी बाबा मंदिर के पास रहने वाली अनुसूचित जाति की एक महिला ने अपने बच्चों का पेट न भर पाने के कारण अपने तीन माह के बेटे को […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 23, 2014 7:41 AM

रेलपार (आसनसोल): मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के राज्य में रिकॉर्ड विकास और खुशहाली के दावे को आइना दिखाते हुए आसनसोल उत्तर थाना अंतर्गत राष्ट्रीय राजमार्ग दो के निकट तपसी बाबा मंदिर के पास रहने वाली अनुसूचित जाति की एक महिला ने अपने बच्चों का पेट न भर पाने के कारण अपने तीन माह के बेटे को बीस हजार रुपये में बेच दिया. उसे खरीदनेवाला चाय बिक्रेता है.

उसने फिलहाल कुछ ही राशि का भुगतान किया है. बच्चा लेकर वह अपने पैतृक गांव चला गया है. शनिवार को पुलिस को इस मामले की जानकारी हुई. राज्य की स्वास्थ्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) तथा नारी व शिशु कल्याण विभाग की मंत्री शशि पांजा ने कहा कि इस संबंध में जिलाधिकारी से रिपोर्ट मांगी जायेगी. पुलिस अधिकारियों ने दावा किया कि बच्चे को जल्द बरामद कर लिया जायेगा.

स्थानीय लोगों के मुताबिक तपसी बाबा मंदिर के निकट रहने वाली महिला का पति उसके साथ नहीं रहता है. पहले से ही वह तीन बच्चों की मां है. तीन माह पूर्व उसने एक और बच्चे को जन्म दिया. पति का सहयोग नहीं मिलने के कारण उसकी आर्थिक स्थिति चरमरा गयी है. वह अपने चार संतानों को भरपेट भोजन नहीं दे पाती है. उसके पास बीपीएल कार्ड भी नहीं है. सरकारी जमीन पर झोपड़ी बना कर रहती है. कुपोषण के कारण छोटे पुत्र की तबीयत बिगड़ने लगी. वह अक्सर बीमार रहने लगा. उसकी परेशानी और बढ़ गयी. कहीं से मदद न मिलती देख उसने अपने पुत्र को एक चाय बिक्रेता के हाथों बीस हजार में बेचने का निर्णय लिया. शुक्रवार को उसने पुत्र को उस व्यक्ति को सौंप दिया. बच्चे के खरीददार ने उसे एक हजार रुपये का भुगतान किया.

इस बीच, पुलिस को यह सूचना मिल गयी. पुलिस घटनास्थल पर पहुंची. पुलिस ने महिला से पूछताछ की. पुलिस का कहना है कि बच्चे को बरामद कर लिया जायेगा. इसके बाद उसे मां के साथ होम (अनाथालय) भेजा जायेगा.

शशि पांजा डीएम से रिपोर्ट मांगेंगी
राज्य की महिला व शिशु कल्याण विभाग की मंत्री डॉ शशि पांजा ने कहा कि इस मामले पर बर्दवान के जिलाधिकारी से रिपोर्ट मांगी जायेगी. रिपोर्ट मिलने के बाद आवश्यक कदम उठाये जायेंगे. जरूरत पड़ने पर उनके पुनर्वास की व्यवस्था की जायेगी.

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