भाजपा व कांग्रेस से ऊब चुके हैं

गैर भाजपाई व गैर कांग्रेसी दलों को मिलेगा समर्थन : अंसारी कोलकाता : राज्यसभा में जद (यू) के मुख्य सचेतक, सांसद व अखिल भारतीय पसमांदा मुसलिम महाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष व संस्थापक अली अनवर अंसारी ने कहा कि भाजपा व कांग्रेस से देश की जनता ऊब चुकी है. लोकसभा चुनाव में गैर भाजपाई व गैर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 24, 2014 4:31 AM

गैर भाजपाई व गैर कांग्रेसी दलों को मिलेगा समर्थन : अंसारी

कोलकाता : राज्यसभा में जद (यू) के मुख्य सचेतक, सांसद व अखिल भारतीय पसमांदा मुसलिम महाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष व संस्थापक अली अनवर अंसारी ने कहा कि भाजपा व कांग्रेस से देश की जनता ऊब चुकी है. लोकसभा चुनाव में गैर भाजपाई व गैर कांग्रेसी दलों को जनता विकल्प के रूप में तरजीह देगी. श्री अंसारी ने रविवार को यहां प्रभात खबर से बातचीत में ये बातें कहीं. उन्होंने स्वीकार किया कि फेडरल फ्रंट में फिलहाल कई पेंच हैं.

यह फिलहाल एक विचार है. लोकसभा चुनाव के बाद यह मूर्त रूप लेगा. उन्होंने कहा कि यूपीए-2 सरकार ने अपने वादों को पूरा नहीं किया, वहीं नरेंद्र मोदी को सामने कर भाजपा ने जुआ खेला है, जबकि उन लोगों ने जोखिम लिया है. यह जुआ और जोखिम की लड़ाई है. नरेंद्र मोदी व भाजपा से सांप्रदायिकता का खतरा है. इस सांप्रदायिकता के खिलाफ सभी गैर भाजपाई, गैर कांग्रेसी, वामपंथी और गांधीवादी राजनीतिक दलों को एकजुट होने की जरूरत है.

उन्होंने बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के संबंध में टिप्पणी करते हुए चुनाव में अल्पसंख्यक समुदाय ने मधुमक्खी की छत्ता की तरह एक साथ निकल कर उन्हें समर्थन दिया था, लेकिन उन लोगों की अपेक्षाएं पूरी नहीं हुई है. इससे बहुत तकलीफ हुई है. जिस तरह से भाजपा व नरेंद्र मोदी के प्रति ममता का व ममता के प्रति भाजपा का नरम रवैया है, उससे उन लोगों को डर लग रहा है, जहां तक ममता के प्रधानमंत्री का दावेदार होने का प्रश्न है, हर किसी को प्रधानमंत्री बनने का सपना देखने का हक है.

उन्होंने कहा कि उनका संगठन अखिल भारतीय पसमांदा मुसलिम महाज धर्म के आधार पर आरक्षण विरोधी है, लेकिन धारा 341-342 के तहत जो आरक्षण मिल रहा है, उसमें धर्म के आधार पर भेदभाव क्यों किया जा रहा है. रंगनाथ मिश्र व सच्चर कमेटी की रिपोर्ट में भी पिछड़े लोगों को आरक्षण की वकालत की गयी है. उन्होंने कहा कि धोबी, भंगी, मेहतर, मोची, नट या भटियारा चाहे मुसलिम में हों या हिंदू में उनकी सामाजिक व आर्थिक स्थिति एक जैसी है.

मुसलिम में भी इन जातियों को आरक्षण मिलनी चाहिए. उन्होंने कहा कि यूपीए-2 ने वादा करने के बाद भी उसे पूरा नहीं किया है. इस चुनाव में उन लोगों को सबक सिखायेंगे. उन्होंने कहा कि अपने को धर्मनिरपेक्ष सरकार कहनेवाली यूपीए-2 सरकार ने यूपीएससी की परीक्षा से फारसी, अरबी व पाली जैसे विषयों को हटा दिया. उन लोगों को तर्क है कि ये विदेशी भाषा हैं, यदि ये विदेशी भाषा हैं, तो अंगरेजी क्या है.

उन्होंने आरोप लगाया कि इन विषयों को यूपीएससी से इसलिए हटा दिया गया, क्योंकि इन विषयों से मुसलमान व बौद्ध संप्रदाय के लोग आइपीएस व आइएएस जैसी नौकरियां हासिल कर रहे थे. उनका संगठन इसका विरोध किया है तथा इसके खिलाफ उन लोगों का आंदोलन जारी रहेगा.

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