दोनों परिवारों में सांठगांठ तो नहीं !

नवजात चोरी. पीड़ित सरस्वती नस्कर से भी पूछताछ की तैयारी में पुलिस इलाके की महिला होने के बावजूद सरस्वती ने अस्पताल में आरोपी महिला को क्यों नहीं पहचाना दोनों ही परिवार के अन्य सदस्यों से अलग-अलग होगी पूछताछ कोलकाता. महानगर के सरकारी अस्पताल मेडिकल कॉलेज से मंगलवार को चार दिन के बच्चे को चुराने की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 16, 2017 8:43 AM
नवजात चोरी. पीड़ित सरस्वती नस्कर से भी पूछताछ की तैयारी में पुलिस
इलाके की महिला होने के बावजूद सरस्वती ने अस्पताल में आरोपी महिला को क्यों नहीं पहचाना
दोनों ही परिवार के अन्य सदस्यों से अलग-अलग होगी पूछताछ
कोलकाता. महानगर के सरकारी अस्पताल मेडिकल कॉलेज से मंगलवार को चार दिन के बच्चे को चुराने की घटना के बाद पुलिस ने एक बच्चे को मानिकतल्ला के बागमारी रोड से गिरफ्तार तो कर लिया है, लेकिन उस बच्चे को अपना होने के दावे पर दोनों ही परिवार के सदस्य अडिग हैं. इतना तक की अदालत में पेशी के दौरान गिरफ्तार आरोपी चिन्मई बेज के पति प्रशांत बेज ने जिस गंभीरता से दावा किया कि वह बच्चा उसी का है, वह सिर्फ साजिश का शिकार हुआ है.
उसके इस ठोस दावे के बाद बऊबाजार थाने के जांच अधिकारी अब इस मामले से जुड़े हर पहलुअों की गंभीरता से जांच में जुट गये हैं. पुलिस का कहना है कि पीड़ित महिला सरस्वती नस्कर के वार्ड में घुसकर आरोपी महिला चिन्मई बेज ने उसके बच्चे को वहां से चुराया, लेकिन सरस्वती ने उसे क्यों नहीं पहचाना. जबकि वह उसी के घर के पास की गली में रहती है. अपने सवालों के जवाब जानने के लिए पुलिस पीड़ित महिला सरस्वती नस्कर से भी पूछताछ करने की तैयारी कर रही है. बच्चे को चिन्मई के हवाले करने की दोनों परिवार के किसी भी सदस्य की कहीं पहले से साठगांठ थी या नहीं, इस सवाल का जवाब जानने के लिए दोनों ही परिवार के सभी सदस्यों से अलग-अलग पूछताछ की जायेगी. इसमें मिले जवाब के बाद पुलिस इस नतीजे पर पहुंचेगी कि हकीकत में उस दिन बच्चा चोरी हुआ था या बच्चा को वहां से बाहर ले जाने की साजिश पहले से रची गयी थी.
विधेयक पारित होने के बाद पुलिस महानिरीक्षक का निर्देश
कोलकाता. अब तक जहां छोटी मोटी घटनाओं पर अस्पताल से लेकर सरकारी व गैरसरकारी वाहनों में तोड़फोड़ व आग लगाने जैसी घटनाओं को अंजाम देकर विरोध जतानेवाले लोग आसानी से बच जाते थे, लेकिन अब उन्हें चिन्हित कर पुलिस गिरफ्तार करेगी. फिर जांच के दौरान आरोपी परिवार से तोड़फोड़ से हुए नुकसान का हर्जाना वसूलेगी. इसके साथ ही मामला भी चलेगा. हाल ही में राज्य सरकार की ओर से ‘प्रीवेंशन ऑफ डैमेज टू पब्लिक प्रॉपर्टी एमेडमेंट एक्ट 2017’ के पारित होने के बाद राज्य पुलिस व कोलकाता पुलिस ने मिलकर इस अधिनियम के तहत मामला दर्ज करना आरंभ कर दिया है.
नवान्न में बुधवार को एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान राज्य के पुलिस महानिरीक्षक सुरजीत कर पुरकायस्थ ने ये बातें कहीं. इस नये कानून के तहत अफवाह फैलानेवालों पर भी कड़ी कार्रवाई का प्रावधान है. हाल ही में कई अस्पतालों में हुई घटनाओं के बाद राज्य सरकार ने यह फैसला लिया है. अब इसे अमल में लाने के लिए पुलिस भी जरूरी कदम उठा रही है. इस सम्मेलन में कोलकाता पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार ने बताया कि विरोध के नाम पर लूटपाट करने व हिंसा फैलानेवालाें पर पुलिस सख्ती करेगी. इस तरह की घटना के आराेपियों को चिन्हित किया जा रहा है. सरकार राज्य के निजी व सरकारी अस्पतालों की पुख्ता सुरक्षा के लिए तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है जिसमें स्वास्थ्य सचिव भी शामिल हैं. कमेटी अस्पतालों में सुरक्षा व्यवस्था पर नजर रखेगी जिसमें सीसीटीवी कैमरा से लेकर सुरक्षा के विभिन्न मानकों का ध्यान रखा जायेगा.
सच सामने आने पर ही इनाम : सीपी
कोलकाता. कोलकाता पुलिस आयुक्त राजीव कुमार ने राज्य सचिवालय नवान्न में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान स्पष्ट कर दिया कि बच्चा चोरी मामले की अभी भी बारीकी से जांच हो रही है. इस घटना के पीछे असलियत सामने आने के बाद ही पुलिस मदद करनेवाले व्यक्ति को एक लाख रुपये की इनाम राशि प्रदान करेगी. उन्होंने यह कहा कि अगर जांच में किसी साजिश का खुलासा होता है, तो यह राशि प्रदान नहीं की जायेगी. जांच पूरी होने तक इनामी राशि के लिए इंतजार करना होगा.

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