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ममता ने बंगाल मॉडल को गुजरात से बेहतर बताया

नयी दिल्ली: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी गुजरात में विकास कार्यों के लिए नरेन्द्र मोदी को श्रेय देने को राजी नहीं हैं. तृणमूल प्रमुख का मानना है कि उनका स्वयं का माडल कहीं बेहतर है तथा उससे अच्छे नतीजे मिले हैं. ‘‘विकास बनाम विकास’’ बहस में उन्होंने कहा कि परिस्थितियों के चलते उनके एवं […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 9, 2014 4:59 PM
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नयी दिल्ली: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी गुजरात में विकास कार्यों के लिए नरेन्द्र मोदी को श्रेय देने को राजी नहीं हैं. तृणमूल प्रमुख का मानना है कि उनका स्वयं का माडल कहीं बेहतर है तथा उससे अच्छे नतीजे मिले हैं.

‘‘विकास बनाम विकास’’ बहस में उन्होंने कहा कि परिस्थितियों के चलते उनके एवं मोदी के माडलों में ‘‘भारी अंतर’’ है.उन्होंने कहा, ‘‘मैं आपके सवाल का सीधे जवाब देती हूं. क्या श्रीमान अ या श्री ब को जंगलमहल (नक्सल) समस्या सुलझानी पड़ी है. हमने वहां शांति कायम की. क्या श्रीमान अ या श्री ब को दाजिर्लिंग जैसी समस्या का हल करना पड़ा. दाजिर्लिंग आज मुस्कुरा रहा है. क्या श्रीमान अ या श्री ब के राज्य पर 2 लाख करोड़ रुपये का कर्ज था.’’ अगस्त 2011 में मुख्यमंत्री बनी ममता ने कहा कि इन समस्याओं से पार पाने के बावजूद हम विकास के पथ पर आगे बढ़ रहे हैं.उन्होंने यह बात इस सवाल के जवाब में कही कि क्या वह मोदी और अपने स्वयं के विकास माडल में अंतर पाती हैं.

अपने विकास के माडल को बेहतर करार देते हुए तृणमूल प्रमुख ने कहा, ‘‘मैं तथ्यों की बात करती हूं और आपको बता देना चाहती दूं कि दोनों राज्यों :पश्चिम बंगाल एवं गुजरात: में तुलना नहीं की जा सकती.’’ उन्होंने कहा कि गुजरात में निरंतर विकास हुआ और उसके सामने कोई समस्या नहीं थी जबकि पश्चिम बंगाल को जमीन से उपर उठना पड़ा क्योंकि वह 34 साल के कम्युनिस्टों के शासन से तबाह हो गया था.

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