नारद स्टिंग में अब इन रास्तों पर चल सकती है सीबीआइ
कोलकाता : नारद स्टिंग कांड की जांच को आगे बढ़ाते हुए केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआइ ने दिल्ली में तृणमूल कांग्रेस के सात सांसद व राज्य के तीन मंत्री के अलावा एक पूर्व मंत्री व डिप्टी मेयर के साथ एक आइपीएस अधिकारी समेत कुल 13 लोगों के खिलाफ एफआइआर दर्ज किया. सीबीआइ सूत्र बताते हैं कि […]
कोलकाता : नारद स्टिंग कांड की जांच को आगे बढ़ाते हुए केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआइ ने दिल्ली में तृणमूल कांग्रेस के सात सांसद व राज्य के तीन मंत्री के अलावा एक पूर्व मंत्री व डिप्टी मेयर के साथ एक आइपीएस अधिकारी समेत कुल 13 लोगों के खिलाफ एफआइआर दर्ज किया. सीबीआइ सूत्र बताते हैं कि अब जांच की गति को जल्द से जल्द आगे बढ़ाते हुए जांच के लिए उन्हें कई रास्तों का सहारा लेना पड़ सकता है. जो रास्ते इस तरह के हो सकते हैं :
पूछताछ के लिए सभी को सीबीआइ भेजेगी नोटिस
इस स्टिंग कांड में जिन आरोपी सांसद, मंत्री व विधायक के खिलाफ एफआइआर दर्ज किया गया है, सीबीआइ जल्द से जल्द सभी को पूछताछ के लिए नोटिस भेज सकती है. नोटिस में सभी को दिल्ली में स्थित सीबीआइ दफ्तर आकर अपना बयान दर्ज कराने के लिए कहा जायेगा. इसके बाद सीबीआइ की टीम पूछताछ में उनका बयान दर्ज करेगी. पूछताछ के दौरान जिन्हें रुपये का बंडल लेते हुए फुटेज में देखा गया है, उन्हें अपने बचाव में खुद को निर्दोष साबित करने के लिए कुछ भी कहना है तो अपने बयान के दौरान उससे संबंधित सबूत सीबीआइ अधिकारियों को सौंपना होगा.
आमने-सामने पूछताछ में पता चलेगा रुपये किस लिए दिये : सीबीआइ सूत्रों का कहना है कि स्टिंग कांड में फंसने के बाद अब तक जो भी नेता व मंत्री अपने बचाव में यह कहते फिर रहे हैं कि उन्होंने पार्टी में डोनेशन के तौर पर यह रुपये लिये थे, उनके इस बयान पर भी जांच के दौरान गौर किया जायेगा. सीबीआइ इस मामले में जुड़े नारद न्यूज के सीइओ मैथ्यू सैम्युअल से काफी देर तक दिल्ली में स्थित सीबीआइ दफ्तर में पूछताछ कर चुकी है.
अब जिनके खिलाफ एफआइआर किया गया है, सीबीआइ उन आरोपी नेता व मंत्रियों को मैथ्यू के सामने बिठा कर दोनों का बयान दर्ज करेगी. इससे यह सामने आयेगा कि रुपये पार्टी फंड के लिए दिये गये थे या काम पूरा करवा देने के लिए नेता व मंत्रियों ने रिश्वत के तौर पर मैथ्यू से यह रुपये लिये थे.
अनरिलिज्ड फुटेज देखने के बाद आयेंगे नये नाम :
सीबीआइ सूत्र बताते हैं कि अब तक नारद स्टिंग कांड में जो फुटेज देखे गये. उसके अलावा भी काफी वीडियो फुटेज हैं, जो अब तक सामने नहीं आये हैं. सीबीआई एफआइआर दर्ज करने के बाद ही अब उन अनरिलिज्ड वीडियो फुटेज को खंगालेगी. उसमें जिन लोगों का नाम सामने आयेगा, उन्हें भी पूछताछ के लिए नोटिस भेजने की प्रक्रिया शुरू करेगी.इससे स्टिंग ऑपरेशन में जुड़े लोगों की सच्चाई भी सामने आ जायेगी.
फुटेज में दिखनेवालों भी होंगे नामजद : सीबीआइ सूत्र बताते हैं कि बाकी फुटेज को खंगालने के बाद अन्य जो लोग सामने आयेंगे. सीबीआइ उनके नाम भी एफआइआर में जोड़ने की प्रक्रिया शुरू करेगी. आगामी दो से तीन महीने के भीतर सीबीआइ की तरफ से पूरी प्रक्रिया खत्म करने की कोशिश होगी.
आरोपियों को गिरफ्तार कर सकती है सीबीआइ : सीबीआइ सूत्र बताते हैं कि जो भी विडियो फुटेज उन्हें अदालत से मिले हैं, उन सबकी जांच व आरोपियों से पूछताछ व उनका बयान दर्ज करने के बाद गिरफ्तार करने की प्रक्रिया शुरू होगी. हाइकोर्ट के बाद सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद सीबीआइ की टीम इस मामले की बारीकी से जांच करना चाहती है.