कैसे पहचानें, डॉक्टर साहब असली हैं या नकली?

कोलकाता. पश्चिम बंगाल में फरजी डॉक्टर पकड़े जा रहे हैं. इस फरजीवाड़े पर नकेल कसने के लिए राज्य सरकार ने इलाज से पहले डॉक्टरों को अपना रजिस्ट्रेशन नंबर एवं मेडिकल डिग्री की जानकारी देना अनिवार्य कर दिया है. एहतियात के तौर पर मरीज भी डॉक्टर के रजिस्ट्रेशन नंबर की जांच कर सकते हैं. पर मरीज […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 4, 2017 9:10 AM
कोलकाता. पश्चिम बंगाल में फरजी डॉक्टर पकड़े जा रहे हैं. इस फरजीवाड़े पर नकेल कसने के लिए राज्य सरकार ने इलाज से पहले डॉक्टरों को अपना रजिस्ट्रेशन नंबर एवं मेडिकल डिग्री की जानकारी देना अनिवार्य कर दिया है.

एहतियात के तौर पर मरीज भी डॉक्टर के रजिस्ट्रेशन नंबर की जांच कर सकते हैं. पर मरीज आखिर सत्यता की परख करे भी तो कैसे? वेस्ट बंगाल मेडिकल काउंसिल की वेबसाइट अपडेट नहीं की जा रही है. इस स्थिति में ऐसा हो सकता है कि आप किसी डॉक्टर का रजिस्ट्रेशन नंबर वेबसाइट पर सर्च करें तो लिखा मिले कि नेम नॉट फाउंड. बता दें कि हर साल एमबीबीएस उत्तीर्ण करनेवाले छात्रों‍ को रजिस्ट्रेशन नंबर मिलता है. नियमानुसार हर साल डॉक्टरों को मिलने वाले रजिस्ट्रेशन नंबर को उक्त वेबसाइट पर उपलोड करना अनिवार्य है.

लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है. इससे फरजी डॉक्टरों की पहचान में दिक्कत आ रही है. हालांकि वेस्ट बंगाल मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष डॉ निर्मल मांझी ने इस आरोप का खंडन किया. उन्होंने कहा कि समय-समय पर वेबसाइट को अपडेट किया जाता है. डॉक्टरों का कहना है कि वेबसाइट का नवीकरण नहीं होने से प्रत्येक साल डॉक्टरों को आवंटित किये जाने वाले रजिस्ट्रेशन नंबर अपलोड नहीं किये जा रहे हैं. ऐसे में असली और नकली डॉक्टरों की पहचान करने में मुश्किल हो रही है. असली डॉक्टर भी संदेह के घेरे में आ सकते हैं. बता दें कि बंगाल में करीब 90 फीसदी चिकित्सकों को वेस्ट बंगाल मेडिकल काउंसिल से रजिस्ट्रेशन नंबर प्राप्त है. 10 फीसदी डॉक्टरों को एमसीआइ से रजिस्ट्रेशन नंबर मिला है. सूत्रों के अनुसार 90 फीसदी चिकित्सकों में 20 फीसदी से अधिक के नाम बेवसाइट पर नहीं मिलेंगे.

वेबसाइट पर ऐसे करें सर्च
डॉक्टर के रजिस्ट्रेशन नंबर की जांच करना बेहद आसान है. इसके लिए पहले स्टेट मेडिकल काउंसिल की वेबसाइट पर जायें. वहां इनफॉर्मेशन सेंटर में जाकर रजिस्ट्रेशन पर क्लिक करें. यहां एक छोटा बॉक्स खुलेगा, जिसमें डॉक्टर का रजिस्ट्रेशन नंबर डालने पर उसका नाम दिखायेगा. बता दें कि प्रत्येक स्टेट का निजी मेडिकल काउंसिल होता है, जो मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीअाइ) से जुड़ा होता है. एमसीआइ के निर्देश पर ही इनका संचालन होता है.

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