आसनसोल.
कोल इंडिया ने अपने अधिकारी और कर्मचारियों के लिए एक बड़ी सौगात दी है. अब तक सभी प्रकार के नेत्र रोगों के उपचार का खर्च मिलता था लेकिन चश्मे के लिए पैसा भुगतान करने का प्रावधान नहीं था. कंपनी की 461वीं बोर्ड मीटिंग में चिकित्सा उपस्थिति नियमों के तहत चश्मे की प्रतिपूर्ति को शामिल करने के लिए मानव संसाधन मैनुअल के अध्याय-III, उपचार खंड 3.3 (ए) में संशोधन को मंजूरी दी गयी. जिसके तहत दो साल के ब्लॉक में कर्मचारी और अधिकारी के साथ उनके आश्रितों के भी चश्मे के लिए कंपनी पैसे का भुगतान करेगी. जिसके लिए स्लैब तैयार किया गया है.10, 20, 30, 35, 45 और 50 हजार रुपये का तैयार किया गया है स्लैब
चश्मे के लिए कर्मचारी से लेकर अधिकारियों तक का स्लैब तैयार किया गया है. जिसमें कर्मचारी को 10 हजार रुपये, इ-1 से इ-3 रैंक के अधिकारी को 20 हजार रुपये, इ-4 से इ-5 के अधिकारी को 30 हजार रुपये, इ-6 से इ-7 के अधिकारी को 35 हजार रुपये, इ-8 से इ-9 रैंक के अधिकारी को 45 हजार रुपये और बोर्ड स्तर के अधिकारी को 50 हजार रुपये का भुगतान होगा. एक अप्रैल 2024 से यह लागू होगा.
नेत्र रोग विशेषज्ञ के प्रेस्क्रिप्शन की प्रति के साथ चश्मे का देना होगा बिल
कोल इंडिया प्रबंधन ने चश्मे के लिए राशि भुगतान के लिए कुछ शर्तें रखीं हैं. जिसमें कहा गया है कि नेत्र रोग विशेषज्ञ की चश्मा लगाने की सलाह की पर्ची की प्रति के साथ चश्मे का बिल जमा देना होगा. जो बिल नेत्र जांच के छह माह के अंदर का होना चाहिए. यह चश्मा नेत्र सुधार के लिए होनी चाहिए. किसी प्रकार के एंटी ग्लेयर ग्लास, गॉगल्स के लिए राशि का भुगतान नहीं होगा. दो साल के अंदर ही बिल एकबार या जब कभी दिखाया जाये और चश्मा बदलने की नौबत आयी हो, जमा किया जा सकता है. ट्रेनी को यह सुविधा नहीं मिलेगी.