पश्चिम बंगाल : कलकत्ता हाईकाेर्ट के पूर्व जस्टिस अभिजीत गांगुली (Abhijit Ganguly) लोकसभा चुनाव 2024 के लिए उम्मीदवार माने जा रहे हैं. कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायाधीश पद से इस्तीफा देने के कुछ घंटे बाद अभिजीत गंगोपाध्याय ने भाजपा में शामिल होने की घोषणा की है. उन्होंने कहा बीजेपी ही एकमात्र पार्टी है जो तृणमूल के भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ रही है. इस बात की प्रबल अटकलें हैं कि वह तमलुक से भाजपा उम्मीदवार के रुप में चुनाव लड़ सकते हैं. न्यायमूर्ति अभिजीत गांगुली न केवल न्यायिक क्षेत्र में, बल्कि पूरे राज्य में बहुत लोकप्रिय व्यक्ति हैं. हाल ही में राजनीतिक गलियारों में उनकी जमकर आलोचना हो रही है. जस्टिस गंगोपाध्याय को कोर्ट में बैठे-बैठे राज्य के विभिन्न भ्रष्टाचार के मामलों में ममता बनर्जी और अभिषेक बनर्जी का नाम लेते सुना गया है. इस बार वह लोकसभा चुनाव से पहले सीधे सियासी मैदान में उतर रहे हैं.
तमलुक से लड़ सकते है लोकसभा चुनाव
उल्लेखनीय है कि तामलुक के वर्तमान सांसद दिब्येंदु अधिकारी हैं. तृणमूल के टिकट पर जीत हासिल करने के बावजूद अधिकारी विधानसभा चुनाव के बाद से बीजेपी के करीब है. बीजेपी की पहले चरण की उम्मीदवार सूची में सौमेंदु अधिकारी का नाम है. कांथी सीट से लड़ रहे हैं. जहां मौजूदा सांसद शुभेंदु अधिकारी के पिता शिशिर अधिकारी हैं. अगर अटकलें सच हैं तो जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय तमलुक से चुनाव लड़ेंगे. ऐसे में देखने वाली बात ये होगी कि दिब्येंदु को कहां से टिकट मिलता है.
7 मार्च को बीजेपी में शामिल होऊंगा: अभिजीत गांगुली
अभिजीत गांगुली ने कहा 7 मार्च को बीजेपी में शामिल होऊंगा. भाजपा तृणमूल जैसी दुष्ट पार्टियों के खिलाफ लड़ रही है. बीजेपी का उच्च सदन तय करेगा कि किस सीट पर चुनाव लड़ना है. कलकत्ता उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश अभिजीत गंगोपाध्याय ने कहा कि भाजपा नेतृत्व उन्हें जिस भी लोकसभा सीट की पेशकश करेगा, वह वहां से चुनाव लड़ेंगे. तृणमूल और ज्यादा दिन सत्ता में नहीं रहने वाली है. तृणमूल का सफाया निश्चित है.
पश्चिम बंगाल : भाजपा में शामिल होंगे जस्टिस अभिजीत गांगुली, तमलुक से लड़ सकते है चुनाव
सीपीएम में शामिल नहीं होऊंगा क्योंकि मैं भगवान में विश्वास करता हूं: अभिजीत
अभिजीत ने कहा, मैं सीपीएम में शामिल नहीं होऊंगा क्योंकि मैं भगवान में विश्वास करता हूं. मैं धर्म में विश्वास करता हूं. मैं उनसे मेल नहीं खाऊंगा. कांग्रेस पारिवारिक जमींदारी की पार्टी है. यहां जयराम रमेश जैसे पढ़े-लिखे लोग रहते हैं. लेकिन उन्हें पद नहीं मिलते. राहुल गांधी जैसे नेताओं को पीछे छोड़ना होगा.