Abhishek Banerjee : अभिषेक बनर्जी ने कहा, दो सप्ताह और 350 घंटे पार, लेकिन भाजपा ने अभी तक मेरी चुनौती स्वीकार नहीं की

Abhishek Banerjee : अभिषेक बनर्जी प्रधानमंत्री और केंद्र सरकार को श्वेत पत्र जारी करने की चुनौती दे रहे हैं. उपरोक्त मामले को लेकर राज्य सरकार के सचिव केंद्र सरकार को सटीक तथ्य नहीं बता सके.

By Shinki Singh | March 28, 2024 6:13 PM
an image

Abhishek Banerjee : सांसद व पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी (Abhishek Banerjee) ने गत 14 मार्च को भाजपा व केंद्रीय सरकार को यह चुनौती दी कि वह 100 दिनों रोजगार योजना और आवास योजना को लेकर वर्ष 2021-22, 2022-23 और 2023-24 वित्तीय वर्ष में कितनी राशि बंगाल को आवंटित किये हैं, उसको लेकर आमने-सामने बहस करें और आवंटित राशि को लेकर श्वेत पत्र जारी करें. श्री बनर्जी ने यह आरोप लगाया है कि वर्ष 2021 में राज्य में हुए विधानसभा चुनाव में भगवा दल की करारी शिकस्त मिलने के बाद भाजपा नीत केंद्र सरकार ने कुछ केंद्रीय योजनाओं की राशि बंगाल को आवंटित नहीं की. उन्होंने इस मामले को लेकर फिर भगवा दल पर निशाना साधा है.

भाजपा व केंद्र सरकार पर फिर अभिषेक ने साधा निशाना

गुरुवार को उन्होंने अपने आधिकारिक ‘एक्स’ हैंडल पर पोस्ट किया कि “दो सप्ताह और करीब 350 घंटे बीत गये, लेकिन भाजपा ने अभी तक आवास योजना और 100 दिनों रोजगार योजना को लेकर श्वेत पत्र जारी करने की मेरी चुनौती स्वीकार नहीं की है.””श्री बनर्जी के इस पोस्ट को लेकर भाजपा की ओर से भी पलटवार किया गया है. भाजपा के प्रवक्ता शमिक भट्टाचार्य ने कहा, ””यदि मैं कहूं कि आवास योजना और 100 दिनों रोजगार योजना को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी श्वेत पत्र प्रकाशित करें, तो क्या वह श्वेत पत्र जारी करेंगी?

पश्चिम बंगाल : ममता बनर्जी को लेकर दिये गये बयान पर दिलीप घोष ने जताया खेद

भाजपा ने किया पलटवार

अभिषेक बनर्जी प्रधानमंत्री और केंद्र सरकार को श्वेत पत्र जारी करने की चुनौती दे रहे हैं. उपरोक्त मामले को लेकर राज्य सरकार के सचिव केंद्र सरकार को सटीक तथ्य नहीं बता सके. अदालत को नहीं बता सके.उन्होंने यह भी कहा कि असल में तृणमूल की नींव कमजोर हो गयी है. तृणमूल राजनीतिक मुद्दों की कमी से जूझ रही है. लोकसभा चुनाव होने वाला है. यह चुनाव कोलकाता से दिल्ली से जाने का चुनाव है. दिल्ली से कोलकाता लौटने का चुनाव नहीं. उनके द्वारा (अभिषेक के) बार-बार लगाये आरोपों को लोगों ने तवज्जो नहीं दिया और खारिज कर दिया. अब इस बारे में कुछ कहने का प्रयोजन ही नहीं है.

सिंगूर में लिखी गयी थी वाम मोर्चा के सत्ता परिवर्तन की पटकथा, इसी आंदोलन से मिली थी ममता बनर्जी को पहचान

Exit mobile version