पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) की स्पेन दौरे के दौरान पैर में चोट लग गयी थी. वह शनिवार रात कोलकाता लौटी और रविवार को अपने पैर का इलाज कराने के लिए एसएसकेएम अस्पताल पहुंची थी. डॉक्टरों ने मुख्यमंत्री को 10 दिन आराम करने की सलाह दी है. उनके पैदल चलने पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है. गौरतलब है कि ममता बनर्जी को दिल्ली में तृणमूल के कार्यक्रम में भी शामिल होना था. बंगाल की सत्ताधारी पार्टी 2 अक्टूबर को गांधी जयंती पर महात्मा गांधी की समाधि राजघाट पर प्रार्थना करेगी और अगले दिन धरना देगी. ममता बनर्जी और पार्टी के अखिल भारतीय महासचिव अभिषेक बनर्जी के कार्यक्रम का नेतृत्व करने की उम्मीद है. पैर में चोट के कारण डॉक्टरों ने ममता को आराम करने को कहा है. ऐसे में तृणमूल के कमांडर अभिषेक को राजघाट पर तृणमूल धरना आंदोलन का नेतृत्व करना होगा.
अभिषेक बनर्जी ने ही सबसे पहले ‘दिल्ली चलो’ का आह्वान किया था. 21 जुलाई को उन्होंने तृणमूल के शहीद दिवस मंच से घोषणा की थी कि बंगाल में 100 दिन के बकाया काम की मांग को लेकर तृणमूल राजधानी की सड़कों पर प्रदर्शन करेगी और गांधी जयंती पर 100 दिन के काम का पैसा रोकने समेत कई केंद्रीय अभावों का आरोप लगाएगी. दिल्ली के रामलीला मैदान में धरना प्रदर्शन की भी योजना बनाई गई थी. लेकिन दिल्ली पुलिस ने उन्हें इजाजत नहीं दी. इसके बाद तृणमूल की ओर से वैकल्पिक कार्यक्रम की घोषणा की गयी. राज्य मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने कहा कि गांधी जयंती पर ममता, अभिषेक समेत पार्टी के सभी सांसद, विधायक, जिला परिषद अध्यक्ष और पंचायत समिति अध्यक्ष दिल्ली के राजघाट पर प्रार्थना में बैठेंगे. उन्होंने केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह से भी मिलने की इजाजत मांगी है. बंगाल में 100 दिन काम करने के बाद भी जिन लोगों को पैसा नहीं मिला है उनके लिखे 50 लाख पत्र केंद्रीय मंत्री को सौंपे जाएंगे. अगले दिन 3 अक्टूबर को इसी मांग को लेकर तृणमूल दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना कार्यक्रम करेगी. यह घोषणा की गई है कि कार्यक्रम का नेतृत्व ममता बनर्जी करेंगे.
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स्पेन और दुबई की यात्रा पूरी कर ममता बनर्जी शनिवार को कोलकाता लौटीं थी. स्पेन में उनके बाएं घुटने में चोट लग गई थी. रविवार की दोपहर वह इलाज के लिए एसएसकेएम अस्पताल गये थे. अस्पताल सूत्रों के मुताबिक एक सप्ताह पहले मुख्यमंत्री के बाएं घुटने में चोट लग गयी थी. मुख्यमंत्री के पैर का इलाज वुडबर्न वार्ड में किया गया. उनके पैर का एमआरआई भी कराया गया. डॉक्टरों की सलाह के मुताबिक अगर ममता 10 दिन तक आराम करती हैं तो बुधवार यानि कि 4 अक्टूबर से पहले उनका घर से निकलना संभव नहीं है. ऐसे में वह दिल्ली नहीं जा सकती है.
अगर डॉक्टरों की सलाह मानी गई तो मुख्यमंत्री अगले कुछ दिनों तक नबन्ना नहीं जाएंगी. हालांकि वह कालीघाट स्थित अपने आवास पर बैठकर ही सारे काम कर सकती हैं. दिल्ली के धरना कार्यक्रम में शामिल होने के लिए मुख्यमंत्री को ज्यादा पैदल चलना पड़ सकता है. नतीजतन कई लोगों को लगता है कि अगर पैर की चोट पूरी तरह ठीक नहीं हुई तो डॉक्टर उन्हें दिल्ली न जाने की सलाह देंगे. लेकिन अगर उन्हें थोड़ा भी बेहतर महसूस हुआ तो मुख्यमंत्री एक दिन के लिए भी दिल्ली जा सकती हैं. इस संभावना से पूरी तरह इंकार नहीं किया जा सकता. लेकिन ये उनके और डॉक्टरों के फैसले पर निर्भर करता है. अगर ममता दिल्ली नहीं जा सकीं तो अभिषेक ही होंगे तृणमूल का ‘चेहरा’ इससे उनकी पहचान और महत्व बढ़ेगा.
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2024 के लोकसभा चुनाव से पहले तृणमूल का दिल्ली दौरा ‘महत्वपूर्ण’ होने वाला है. इस कार्यक्रम को बंगाल के कोने-कोने तक पहुंचाने के लिए सत्ताधारी पार्टी ने प्रयास शुरू कर दिया हैं. केंद्रीय अभाव के खिलाफ दिल्ली में तृणमूल के सभी कार्यक्रमों की व्यवस्था की गई है ताकि उन्हें पश्चिम बंगाल के हर ब्लॉक तक पहुंचाया जा सके. दिल्ली विरोध कार्यक्रम का प्रसारण प्रत्येक ब्लॉक में विशाल स्क्रीन के माध्यम से किया जाएगा. इस संबंध में विभिन्न जिलों के तृणमूल अध्यक्षों को भी निर्देश दिया गया है. विरोध कार्यक्रम का प्रसारण दो दिनों तक प्रत्येक प्रखंड के बीडीओ कार्यालय के सामने लगे विशाल स्क्रीन पर देखा जायेगा. जिला अध्यक्षों को यह सुनिश्चित करना होगा कि अच्छी भीड़ हो.