दुर्गापुर. शहर की विभिन्न सड़कों के किनारे इन दोनों बालू एवं पत्थर के पहाड़ देखने को मिलते हैं. सड़क किनारे बालू, पत्थर जमा करने का काम हर रात विभिन्न डंपरों से किया जाता है. बालू को सड़क किनारे जमा करने से बारिश के दिनों में बालू बहकर सड़क पर आ जाता है. जिससे सड़क पर बालू की मोटी परत जम जाती है. जिस कारण सड़क हादसे की घटना दिन पर दिन बढ़ती जा रही है.
शहर के स्टील टाउनशिप के नागार्जुन, जयदेव, चंडीदास, के अलावा बेनाचिटी के तपोबन आवासीय क्षेत्र, चौवन फूट इलाके के मुख्य सड़क के किनारे बालू व पत्थरों का बड़ा स्टॉक जमा करने से सड़क पर बालू बह कर जमा हो गया है. सड़क किनारे बालू का स्टॉक ट्रकों के जरिये रात भर अनलोडिंग किया जाता है. जिससे जोरदार आवाज होती है. जिससे आवासीय इलाके के लोगों को रहना मुश्किल हो गया है.स्थानीय निवासी तपन पाल, तमाली घोष ने कहा कि सड़क किनारे बालू जमा करने से सड़क पर बालू बह कर आता है. जिससे दो पहिया वाहन चलाना मुश्किल हो गया है. वहीं पत्थरों के जमा होने से बरसात के दिनों में मच्छरो का प्रकोप बढ़ रहा है. जिससे इलाके में डेंगू फैलने की आशंका बढ़ गयी है. रात भर बालू और पत्थर स्टॉक करने वालों के खिलाफ प्रशासन को कार्रवाई करनी चाहिए. नगर निगम की प्रशासक को इससे अवगत कराया गया है. बालू व पत्थरों के स्टॉक को हटाने की मांग की गयी है.
मामले को लेकर होगी जांच: प्रशासक :शहर के आवासीय क्षेत्र में बालू एवं पत्थर स्टॉक करने की घटना की शिकायत मिलते ही दुर्गापुर नगर निगम की प्रशासक अनिंदिता मुखर्जी ने कहा कि इस तरह की घटना की जांच की जायेगी. शहर के लोगों को परेशानी में डालना गलत है.नदियों से अवैध तरीके से बालू लोड करके शहर में किया जाता है स्टॉक
सड़क किनारे बालू किसका है? इस बारे में लोगों का कहना है कि बालू का सिंडिकेट बनाकर व्यवसाय करने वाले लोग विभिन्न नदियों से अवैध तरीके से बालू लोड करको बड़े वाहनों के जरिये उसे शहर में मटेरियल सप्लाई करने वाले सप्लायरों को बालू खपाने का जिम्मा देते है. मटेरियल सप्लायर बालू, पत्थरों को अपने इलाके के खाली मैदान अथवा सड़क किनारे स्टॉक कर देते हैं. जिससे अवैध बालू के कारोबारी बालू खपत करने में सफल हो जाते हैं. रात भर बड़े बड़े वाहनों में बालू लोड कर छोटी सड़क से शहर के विभिन्न इलाको में भेजा जाता है. आरोप है कि इस काम को अंजाम देने में पुलिस का सहयोग रहता है. लोगों का कहना है कि शहर के टाउनशिप और आवासीय इलाकों में बड़े वाहन ले जाने की अनुमति नहीं है. बड़े वाहनों के आवागमन से छोटी सड़कें बरबाद होती हैं. इसकी जांच के लिए पुलिस को सख्त आदेश दिये गये हैं. इसके बावजूद हर रात बालू से लदे ट्रक कैसे आवासीय इलाका में घुसते हैं? स्थानीय प्रशासन के मिली भगत के बिना यह संभव नहीं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है