चुनावी चक्रव्यूह में ”अभिमन्यु” बन अकेले लड़ रहे अधीर
ममता बनर्जी ने कांग्रेस को पहले दो सीट देने की पेशकश करने के बाद राज्य की सभी सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने का एलान कर दिया.
कोलकाता. इंडिया गठबंधन को लेकर तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी के तेवर से नाराज प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने पहले ही घोषणा कर दी थी कि वह बंगाल में वाममोर्चा के साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे. हालांकि ममता बनर्जी ने कांग्रेस को पहले दो सीट देने की पेशकश करने के बाद राज्य की सभी सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने का एलान कर दिया. अधीर ममता व भाजपा के साथ समान दूरी बरतते हुए चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन राहुल गांधी व कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व ममता बनर्जी के साथ मिलकर चुनाव लड़ना चाहता था, क्योंकि कांग्रेस नेतृत्व केरल में वामपंथियों के साथ कुश्ती और बंगाल में दोस्ती के नाम पर होने वाली आलोचना से बचना चाहता था. लेकिन अधीर के आगे उनकी एक नहीं चली. अब कांग्रेस व वामपंथी मिलकर राज्य में इंडिया गठबंधन के घटक दल के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं. नतीजतन अघोषित रूप से कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व पश्चिम बंगाल में चुनाव प्रचार से खुद को अलग रखा. जानकारों का कहना है कि कांग्रेस नेतृत्व ममता बनर्जी को सीधा संदेश देना चाहता है कि वह अधीर चौधरी के फैसले के साथ नहीं है. नतीजतन चुनावी कुरुक्षेत्र में अकेले अभिमन्यु की भूमिका में नजर आ रहे हैं अधीर चौधरी. लगातार पांच बार सांसद रहे अधीर चौधरी अपने लिए प्रचार में कभी कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व की बाट नहीं जोहते हैं. वह अकेले ही सब कुछ करते आये हैं और इस बार भी वही देखने को मिल रहा है. हालांकि चुनाव के दो महीने पहले राहुल गांधी अपनी न्याय यात्रा में मुर्शिदाबाद व बहरमपुर जरूर आये थे. उस वक्त कांग्रेस समर्थकों की भीड़ व जोश देखने लायक थी. अब चुनाव का चौथा चरण बीत गया, लेकिन कांग्रेस का कोई भी दिग्गज नेता बंगाल नहीं आया. इसे लेकर प्रदेश कांग्रेस में सवाल उठ रहे हैं, क्योंकि भाजपा के उम्मीदवारों के प्रचार में खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर अमित शाह, जेपी नड्डा आदि शामिल हो रहे हैं. खुद प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार हेलीकाॅप्टर से राज्य भर में प्रचार कर रहे हैं. वहीं, कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व पलट कर भी नहीं देख रहा है. इस बारे में अधीर ने कहा : मैं अपनी लड़ाई खुद लड़ रहा हूं. स्थिति यह है कि राज्य के एआइसीसी के पर्यवेक्षक गुलाम अहमद मीर एक बार भी झांकने तक नहीं आये. यह दुर्भाग्यजनक नहीं तो और क्या है. हालांकि अधीर के एक बयान को लेकर तृणमूल कांग्रेस लगातार आरोप लगाती रही है कि भाजपा के साथ अधीर मिले हुए हैं. सबूत के तौर पर तृणमूल अधीर का वीडियो भी प्रचारित करती रही है. हालांकि चुनाव आयोग ने उस वीडियो के साथ छेड़छाड़ करने की बात कही है. प्रदेश कांग्रेस के नेताओं का कहना है कि अगर अधीर ने किसी को नहीं बुलाया, तो आलाकमान का फर्ज नहीं था कि वह आगे बढ़कर पार्टी को विजयी बनाने में मदद करे.
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