एडीपीसी पुलिस ने ऑनलाइन ट्रांसपोर्टिंग ऐप से ठगी के मामले में जमुई के गिरोह को दबोचा

गैंग के दूसरे सदस्यों ने स्वीकार किया है कि ऑनलाइन ट्रांसपोर्टिंग ऐप के माध्यम से वे ठगी का कारोबार चलाते हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | June 10, 2024 1:22 AM

आसनसोल. आसनसोल दुर्गापुर पुलिस कमिश्नरेट (एडीपीसी) के पुलिस उपायुक्त (सेंट्रल) ध्रुव दास ने रविवार को एक संवाददाता सम्मेलन में ऑनलाइन ट्रांसपोर्ट गैंग का खुलासा किया. उन्होंने बताया कि दुर्गापुर बांकुड़ा गंगाजल घाटी स्थित रामदूत रोलर प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी ने श्री श्यामजी रोड लाइन (बोगरा) नामक ट्रांसपोर्ट कंपनी से एक ट्रक लोडिंग के लिए बुक किया था. ड्राइवर संजीव सिंह जब ट्रक लेकर कंपनी में लोडिंग के लिए पहुंचा तो कंपनी के अधिकारियों ने उसकी गाड़ी के नंबर प्लेट और चालक के लाइसेंस की जांच की तो दोनों फर्जी निकले. कंपनी के अधिकारियों ने आसनसोल पुलिस को इसकी जानकारी दी. पुलिस ने चालक संजीव सिंह को गिरफ्तार कर रिमांड पर लिया. रिमांड अवधि में पूछताछ के दौरान गैंग का खुलासा हुआ. पुलिस ने चालक की निशानदेही पर गैंग के दूसरे सदस्यों संजीत कुमार, रोशन कुमार, गणेश कुमार को गिरफ्तार किया. गैंग के दूसरे सदस्यों ने स्वीकार किया है कि ऑनलाइन ट्रांसपोर्टिंग ऐप के माध्यम से वे ठगी का कारोबार चलाते हैं. उन्होंने इस गैंग की कार्य प्रणाली के बारे में विस्तार से बताया कि आसनसोल दुर्गापुर आद्योगिक क्षेत्र में कई कंपनियां स्थित हैं जो अपनी कंपनी के उत्पादों को विभिन्न स्थानों पर पहुंचाने के लिए ऑनलाइन ट्रांसपोर्ट ऐप की मदद से गाड़ियां हायर करती हैं. ऑनलाइन बुकिंग ऐप के सहारे ठग अपनी ठगी का कारोबार चला रहे हैं. फर्जी नंबर प्लेट तथा फर्जी लाइसेंस के माध्यम से ऐप द्वारा बुक किये गये जगह से माल लोडिंग कर लेते है. लेकिन उस माल को गंतव्य तक नहीं पहुंचाया जाता है. इस ठगी के कारोबार से जुड़े एक गिरोह को पुलिस पकड़ने में कामयाब हुई है. इस गैंग से जुड़े चालक संजीव सिंह को रिमांड पर लेकर पूछताछ की गया है. अन्य तीन अपराधियों को भी रिमांड पर लेकर पूछताछ की जायेगी. जिससे इनके गैंग की कार्य प्रणाली के बारे में जानकारी मिलेगी. यह गैंग मुख्यत: बिहार के जमुई जिला में बेस्ड है. इन सभी के खिलाफ आइपीसी की धारा 467, 468, 420, 406 के तहत मामला दर्ज किया गया. सोमवार को आरोपियों को आसनसोल जिला कोर्ट में पेश कर रिमांड की अपील की जायेगी. उन्होंने बताया कि बीते एक वर्ष पूर्व रानीगंज पंजाबी मोड़ के ट्रांसपोर्टर द्वारा एडीडीए इंडस्ट्रीयल इस्टेट स्थित पूर्व हरे कृष्णा फूड लिमिटेड से 1800 किलोग्राम आटा लोड हुआ था. लेकिन वह अपने गंतव्य तक नहीं पहुंचा था. उस मामले में भी पुलिस ने गाड़ी के असली मालिक को गिरफ्तार करने में सफलता पायी है. उस मामले की भी पुलिस जांच कर रही है. डीसी ध्रुव दास ने पत्रकारों को बताया कि औद्योगिक क्षेत्र स्थित विभिन्न कंपनियां सावधानी से ऑनलाइन ट्रांसपोर्टिंग कंपनी के वाहन बुक करने के बाद चालक तथा वाहन के कागजात की ठीक से जांच कर कर लें. यदि संदेह होता है तो तुरंत पुलिस को इसकी सूचना दें क्योंकि इस प्रकार के अनेक गैंग आजकल सक्रिय हो गये हैं. कंपनियों के माल को लूटने के लिए ऑनलाइन ट्रांसपोर्टिंग ऐप का वे उपयोग कर रहे है. मौके पर एसीपी विश्वजीत, आसनसोल उत्तर थाना प्रभारी अमित हालदार व अन्य मौजूद थे.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version