दो चरणों में विरोध प्रदर्शन शुरू संवाददाता, कोलकाता . ऑल इंडिया एसोसिएशन ऑफ नन-गजटेड ऑफिसर्स ऑफ ऑर्डनेंस एंड इक्यूपमेंट फैक्ट्रीज (एआइएएनजीओ) व क्वालिटी एश्योरेंस ऑर्गेनाइजेशंस की राइफल फैक्टरी ईशापुर (आरएफआइ) शाखा के पदाधिकारियों ने अपनी मांगों को लेकर शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन किया. संगठन के पदाधिकारियों ने मंगलवार को अपनी लंबित मांगों को लेकर दबाव बनाने के लिए दो चरणों में विरोध प्रदर्शन शुरू किया. इस मौके पर एआइएएनजीओ की आरएफआइ शाखा के सचिव दीपांकर चक्रवर्ती ने बताया कि संगठन ने 30 सितंबर, 2021 तक नियुक्त किये गये कर्मचारियों की मान्यता सेवानिवृत्ति तक केंद्र सरकार के कर्मचारी के रूप में जारी रहनी चाहिए. उन्होंने कहा कि प्रसार भारती के कर्मचारियों के लिए जिस प्रकार से राजपत्रित अधिसूचना के माध्यम से सेवानिवृत्ति तक प्रतिनियुक्ति पर रहने का आदेश जारी किया गया था, उसी प्रकार ऑर्डनेंस फैक्टरी बोर्ड के कर्मचारियों के लिए भी इसी तरह की राजपत्र अधिसूचना जारी की जानी चाहिए, ताकि केंद्र सरकार के कर्मचारियों के रूप में उनकी मान्यता बनी रहे. श्री चक्रवर्ती ने बताया कि प्रथम चरण के कार्यक्रम के तहत मंगलवार को ड्यूटी के दौरान मांग पत्र पहन कर प्रदर्शन किया और अपनी लंबित मांगों को लेकर इडी/आरएफआइ के माध्यम से केंद्रीय रक्षा मंत्री को ज्ञापन सौंपा. दूसरे चरण में 31 अगस्त तक संतोषजनक प्रगति या प्रतिक्रिया नहीं होने पर एसोसिएशन शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन करेगा. अगर 31 अगस्त तक मांगे पूरी नहीं होती है, तो भारत के राजपत्र के प्रकाशन की मांग को लेकर सभी सदस्य सितंबर में रक्षा मंत्री के कार्यालय जायेंगे. श्री चक्रवर्ती ने आरोप लगाया कि एक अक्तूबर, 2021 को आयुध निर्माणी बोर्ड (ओएफबी) को भंग करने के कारण लगभग 70,000 कर्मचारियों को प्रतिनियुक्ति व्यवस्था के तहत सात अलग-अलग रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों (डीपीएसयू) में पुनः नियुक्त किया गया. यह व्यवस्था शुरू में दो साल के लिए निर्धारित की गयी थी और इसे एक अतिरिक्त वर्ष के लिए बढ़ा दिया गया है, जो 30 सितंबर 2024 को समाप्त होगा. उन्होंने कहा कि सरकार ने अभी तक इन कर्मचारियों के लिए प्रतिनियुक्ति अवधि पूरी होने के बाद भविष्य की सेवा शर्तों पर स्पष्ट निर्देश नहीं दिये हैं.
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