विश्वभारती : धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किये जाने का आरोप
विश्व भारती के अधिकारियों ने इन आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ‘‘विश्वविद्यालय परिसर में किसी भी धार्मिक आयोजन की अनुमति नहीं दी गई है’’,
कोलकाता. वामपंथी छात्र संगठन ‘स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया’ (एसएफआइ) ने आरोप लगाया है कि ‘भगवा ताकतें’ विश्वभारती परिसर में ‘कुछ धार्मिक गतिविधियां’ आयोजित कर रही हैं और विश्वविद्यालय के अतिथि गृह में ऐसे ही एक संगठन को 12 से अधिक कमरे आवंटित किये गये हैं. विश्व भारती के अधिकारियों ने इन आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ‘‘विश्वविद्यालय परिसर में किसी भी धार्मिक आयोजन की अनुमति नहीं दी गई है’’, लेकिन विश्वविद्यालय द्वारा संचालित अतिथि गृह के किसी भी कमरे को किसी भी ‘‘प्रामाणिक संस्था द्वारा लागू दरों के अनुसार’’ बुक किया जा सकता है. एसएफआइ ने एक दिन पहले रिपोर्टों का हवाला देते हुए ‘भगवाकरण’ का आरोप लगाया था और कहा था कि पुरी के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती बोलपुर ऑडिटोरियम में तीन-दिवसीय धार्मिक कार्यक्रम में शामिल होंगे और शांतिनिकेतन के रतनकुटी स्थित एक अतिथि गृह में ठहरेंगे. एसएफआइ ने केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति को भेजे एक मेल में दावा किया कि कुछ दिन पहले उक्त धार्मिक आयोजन का ‘‘पोस्टर’’ परिसर के आसपास देखा गया था, जिसमें ‘आश्रम प्रांगण’ भी शामिल है. वामपंथी छात्र संगठन ने कहा, ‘‘विश्व भारती परिसर रवींद्रनाथ टैगोर के मूल्यों और आदर्शों पर आधारित एक शांत स्थान है, जो हाल के दिनों में इस तरह की गतिविधियों से सीधे तौर पर बाधित हो रहा है.’’ रजिस्ट्रार अशोक महतो ने विश्वभारती में किसी धार्मिक बैठक के आयोजन या अनुमति दिये जाने से इनकार करते हुए शनिवार को कहा, ‘‘मैंने समाचार पत्रों में पढ़ा है कि शंकराचार्य का कार्यक्रम गीतांजलि परिसर में होना है, जो हमारे परिसर के बाहर है और विश्वभारती के स्वामित्व या प्रबंधन में नहीं है.’’ विश्वविद्यालय द्वारा संचालित अतिथि गृह में पुरी के महंत के ठहरने की खबर के बारे में उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि मेरे पास अभी अतिथियों का विवरण नहीं है, लेकिन यह कहा जा सकता है कि अतिथि गृह को लागू दरों पर बुक किया जा सकता है.’’ विश्वभारती के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘विश्व भारती के अतिथि गृहों को भारत का कोई भी नागरिक या इस देश की कोई भी प्रामाणिक संस्था उचित माध्यम से बुक करा सकती है.’’ प्रवक्ता ने कहा, ‘‘इस मामले में भी यही हुआ है. इसके अलावा, यदि कोई धार्मिक कार्यक्रम हो भी रहा है, तो वह विश्वभारती में नहीं, बल्कि परिसर के बाहर हो रहा है.’’ विश्व भारती विश्वविद्यालय संकाय संघ (वीबीयूएफए) के पदाधिकारी कौशिक भट्टाचार्य ने कहा, ‘‘हमारी जानकारी के अनुसार, जिस संगठन ने पुरी के शंकराचार्य को आमंत्रित किया है, वह एक धार्मिक संस्था है, जिसका भाजपा से कोई लेना-देना नहीं है.’’
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