कोलकाता. लोकसभा चुनाव के शनिवार को मतदान खत्म होने के बाद भी राज्या में हिंसा का दौर जारी है. संदेशखाली में चल रहे तनाव के बीच कालीगंज में भाजपा कार्यकर्ता की हत्या के बाद अब माकपा कार्यकर्ताओं पर भी हमले करने के आरोप लग रहे हैं. जादवपुर विश्वविद्यालय की छात्रा कनीनिका मजमूदार ने आरोप लगाया कि उनके पिता व माकपा नेता अपूर्व मजूमदार पर तृणमूल कांग्रेस समर्थित बदमाशों ने हमला किया. हमले में वह गंभीर रूप से घायल हो गये हैं. राणाघाट के अनुलिया अस्पताल में भर्ती है. वह सामाजिक न्याय मंच के सक्रिय कार्यकर्ता हैं. आरोप है कि रविवार सुबह तृणमूल कांग्रेस समर्थित बदमाशों ने उनपर हमला किया. घटना की सूचना पाकर अलकेश दास समेत माकपा के अन्य नेता और समर्थक मौके पर पहुंचे और पुलिस से कार्रवाई करने की मांग की गयी. पीड़ित परिवार की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की. दूसरी ओर मतगणना शुरू होने के पहले ही माकपा के एजेंटों को डराने-धमकाने का भी आरोप है. अपूर्व मजूमदार राणाघाट दो नंबर ब्लाॅक के नोकारी अंचल के नेता हैं. आरोप है कि उनपर तृणमूल कांग्रेस के ब्लाॅक अध्यक्ष आशीष दास ने अपने समर्थकों के साथ हमला किया. इस तरह की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं. माकपा ने चुनाव आयोग से इस तरह की घटनाओं पर तुरंत अंकुश लगाने की मांग की है. चुनावी हिंसा को लेकर माकपा ने चुनाव आयोग को लिखा पत्र कोलकाता. माकपा ने चुनाव आयोग को पत्र देकर मांग की है कि निर्वाचन आयोग के दिशानिर्देश के अनुसार किसी भी कीमत पर संविदा या अस्थायी व प्रतिनियुक्ति पर आये किसी भी कर्मचारी को मतगणना केंद्र में किसी भी काम के लिए तैनात न किया जाये. माकपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व सासंद शमिक लाहिड़ी ने चुनाव आयोग के सीईओ को पत्र देकर कहा कि निष्पक्ष मतगणना हो, इसके लिए चुनाव आयोग के दिशानिर्देशों का सख्ती से पालन किया जाये. इतना ही नहीं, नतीजों के एलान के बाद किसी भी तरह की हिंसा न हो, यह भी सुनिश्चित किया जाये. विरोधी दल के कार्यकर्ता व समर्थकों की सुरक्षा का जिम्मा चुनाव आयोग को लेना होगा. उन्होंने कहा कि मतगणना के बाद भी राज्य में हिंसा का दौर जारी रहने की आशंका है, इसलिए पर्याप्त व्यवस्था की जाये.
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