कोलकाता, भारती जैनानी : पश्चिम बंगाल के 29वें कोलकाता इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल (केआइएफएफ) में अनुराग कश्यप (Anurag Kashyap) द्वारा निर्देशित फिल्म ‘केनेडी’ (हिंदी) की नंदन वन में स्क्रीनिंग हुई. इससे पहले, मीडिया सेंटर में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में फिल्म के निर्देशक अनुराग कश्यप ने कहा कि भारतीय सिनेमा जगत में कई तरह की फिल्में बनती हैं. लेकिन उसी फिल्म को ज्यादा दर्शक मिलते हैं, जिसका कंटेंट अच्छा होता है. जिसकी स्टोरी लोगों को स्पर्श करती है. यह जरूरी नहीं है कि सेक्स और वायलेंस से ही फिल्में सुपरहिट होती हैं, यह एक मिथक है. उनका कहना है कि फिल्म ‘एनिमल’ इसलिए दर्शकों को पसंद आयी होगी, क्योंकि उसमें वह सब रहा होगा, जिसकी दर्शकों को तलाश थी. अगर दर्शक की तलाश फिल्म में पूरी होती है, तो उस फिल्म को कामयाबी भी मिलती है. उनकी फिल्म केनेडी भी दर्शकों को पसंद आयेगी.
एक सवाल के जवाब में अनुराग ने कहा कि फिल्म निर्देशन में मैं अपनी मर्जी से आया हूं और अपनी मंजिल पाने के लिए आदमी खुद से संघर्ष भी करता है. मुझे भी फिल्मों के अच्छे निर्देशन के लिए खुद से संघर्ष करना पड़ता है. अपनी फिल्म, ब्लैक फ्राइडे (2005), देव डी (2009), दैट गर्ल इन येलो बूट्स (2011) और गैंग्स ऑफ वासेपुर (2012) से लाइमलाइट में आये अनुराग ने कहा कि एक डाइरेक्टर, इसलिए फिल्म नहीं बनाता कि वह बॉक्स ऑफिस पर सुपरहिट हो. हो सकता है कि वह सुपरहिट हो. और हो सकता है कि वह न हो. एक फिल्म बनाने में प्रोड्यूसर का काफी पैसा लगा रहता है. वह पैसा निकल जाये. यही हमारी कामयाबी है.
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अपनी तरफ से फिल्म निर्माता या निर्देशक फिल्म में पूरी जान लगा देता है. ग्राउंड रियलिटी के साथ परफेक्ट किरदार निभाने वाले कलाकार के चयन के साथ निर्देशन, कास्टिंग, पटकथा, लोकेशन सभी को देखना पड़ता है. बदलते दौर के साथ स्टूडियो सिस्टम बहुत वास्ट हो गया है. स्टूडियो में कुछ बदलाव के साथ अलग-अलग फिल्मों को भी शूट किया जा सकता है. ‘केनेडी’ फिल्म में कबीर आहूजा प्रोड्यूसर हैं. फिल्म की संपादक तानिया छाबरा व दीपक कट्टर हैं और इस फिल्म में सनी लियोन, राहुल भट्ट, मेघा बर्मन, कुरुष देबो ने कास्ट किया है.