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नियम के खिलाफ भी की गयी नियुक्ति : एसएससी

हलफनामा देकर सुप्रीम कोर्ट को बताया

कोलकाता. कलकत्ता हाइकोर्ट द्वारा स्कूलों की 26 हजार नौकरी रद्द करने के मामले पर स्कूल सर्विस कमीशन (एसएससी) ने अयोग्य अभ्यर्थियों की तालिका सुप्रीम कोर्ट में पेश की. हलफनामा देकर एसएससी ने बताया कि नौवीं, 10वीं, 11 व 12 के ग्रुप सी व डी चार विभागों को मिला कर कुल 1212 लोगों को नियम के खिलाफ नौकरी मिली थी. हलफनामा में यह भी बताया गया है कि इसमें से किसी के नाम की सिफारिश एसएससी ने नहीं की थी. सभी 1212 लोगों की जानकारी माध्यमिक शिक्षा पर्षद से मिली है. एसएससी का कहना था कि प्राथमिक तौर पर यह लग रहा है कि ग्रुप सी विभाग में 381 को अवैध रूप से नियुक्ति मिली थी. इसमें मेधा तालिका में आये योग्य अभ्यर्थियों को वंचित कर 132 को नौकरी दी गयी. इसके अलावा 249 लोगों को पैनल से इतर नौकरी मिली. वहीं, ग्रुप डी में कर्मियों की नियुक्ति में भी 608 लोगों को नियम के विपरीत नियुक्ति मिली. पैनल में नाम नहीं रहने के बाद भी 371 लोगों को नौकरी मिल गयी. 237 को मेधा तालिका से ऊपर उठकर नौकरी दी गयी. एसएससी की ओर से यह भी बताया गया है कि कर्मियों की नियुक्ति के साथ नौवीं व 10वीं में शिक्षक नियुक्ति में भी धांधली हुई है. दोनों ही श्रेणी में अवैध रूप से 185 लोगों को नौकरी मिली है. पैनल से बाहर 111 व 74 लोगों को मेधा तालिका में बदलाव कर नियुक्ति दी गयी. 11वीं व 12वीं में भी यही हाल है. इन दोनों कक्षाओं में 38 लोगों को नौकरी देने में नियम का पालन नहीं हुआ. इसमें 18 लोग पैनल से बाहर के हैं. चार विभागों के 1212 लोगों का नाम, रोल नंबर सहित सभी तथ्य एसएससी ने सुप्रीम कोर्ट में जमा किया है. लेकिन हलफनामा में एसएससी की ओर से ओएमआर शीट में गड़बड़ी या विकृति को लेकर कोई जानकारी नहीं दी गयी है. एसएससी नियुक्ति घोटाला मामले में कलकत्ता हाइकोर्ट ने सभी 26 हजार नौकरी रद्द कर दी थी. इसे चुनौती देते हुए राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट गयी थी. एसएससी व पर्षद की ओर से भी इसे चुनौती दी गयी थी. पिछली बार हुई सुनवाई में सर्वोच्च अदालत ने सभी पक्षों से लिखित हलफनामा देने को कहा था. शनिवार को पर्षद की ओर से बताया गया कि एसएससी की सिफारिश के आधार पर ही नियुक्ति दी गयी थी. इसके बाहर किसी को नियुक्ति नहीं दी गयी थी. इसके पूर्व शुक्रवार को एसएससी ने कहा कि उनकी सिफारिश के अलावा भी नियुक्ति हुई थी. जबकि पर्षद ने शनिवार को कहा था कि 25 हजार 844 लोगों को सही पद्धति से ही नौकरी दी गयी थी. पर्षद ने हाइकोर्ट का फैसला रद्द करने का अनुरोध किया. पर्षद ने बताया कि नौवीं व 10वीं में 13056, 11वीं व 12वीं में 5757, ग्रुप सी में 2484, ग्रुप डी में 4547 लोगों को नौकरी दी गयी थी, जिसकी सिफारिश एसएससी ने की थी.

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