रानीगंज : टीडीबी कॉलेज में संताली में पढ़ाई की मिली मंजूरी

आदिवासियों को मलाल अनशन समाप्त कराने के लिए सरकार या कॉलेज का नहीं पहुंचा कोई प्रतिनिधि

By Prabhat Khabar News Desk | August 6, 2024 1:30 AM

रानीगंज. रानीगंज के त्रिवेणी देवी भालोटिया (टीडीबी) कॉलेज में संथाली भाषा में स्नातक स्तर की पढ़ाई शुरू करने की मांग को लेकर ‘दिशम आदिवासी गांवता’ की तरफ से ‘फाइट फॉर मदर टंग’ के बैनर तले पिछले 24 दिनों से लगातार अनशन चलाया जा रहा था. राज्य सरकार के सरकारी पोर्टल पर इस खबर की पुष्टि की गयी है कि इसी शिक्षा वर्ष से रानीगंज के टीडीबी कॉलेज में संथाली भाषा में स्नातक स्तर की पढ़ाई शुरू हो जायेगी. इस खबर के आने के बाद प्रदर्शन और अनशन कर रहे आदिवासी समाज के लोगों में खुशी की लहर दौड़ गयी. सोमवार को इस अनशन को समाप्त कर दिया गया. अनशन करने वाले लोगों को आदिवासी समाज के माझी बाबा दुलाल टुडू, दिशम आदिवासी गांवता के राज्य सभापति लोबान हांसदा, सचिव रोबिन सोरेन एवं फाइट फॉर मदर टंग के राज्य सचिव सुकू हांसदा ने उन्हें जूस पिलाकर अनशन समाप्त कराया.

सरकारी प्रतिनिधि के न पहुंचने पर नाराजगी

संगठन के प्रदेश पर्यवेक्षक भुवन मांडी ने कहा कि आज आदिवासी समाज को उनका मौलिक अधिकार प्राप्त हुआ. एक तरफ आदिवासी समाज के लोगों को जैसे इसकी खुशी है ठीक उसी तरह आजादी के इतने वर्षों बाद भी आदिवासियों को अपना मौलिक अधिकार प्राप्त करने के लिए 24 दिनों तक अनशन करना पड़ा. हालांकि इस बात का अफसोस भी है कि उनका अनशन समाप्त कराने के लिए न तो राज्य सरकार आ कोई स्थानीय नेता या कॉलेज प्रबंधन का ही कोई सदस्य पहुंचा. अब आदिवासी समाज के लोग अपनी मातृभाषा में स्नातक स्तर की पढ़ाई कर पायेंगे. इससे और खुशी की बात और कुछ नहीं हो सकती थी. उन्हें लगा था कि इस शिक्षा वर्ष में उनकी यह मांग पूरी नहीं हो पायेगी, लेकिन जिस तरह से उनके अनशन के साथ सिर्फ आदिवासी समाज के लोग नहीं बल्कि गैर आदिवासी समाज के लोग भी जुड़े हैं उससे ज्यादा खुशी की बात और कुछ नहीं हो सकती. यह इस बात को दर्शाता है कि जब मांग जायज हो तो वह सभी के दिलों तक पहुंचती है. उन्होंने राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु को धन्यवाद दिया. जिन्होंने आदिवासियों की इस मांग को इतनी जल्दी पूरा किया. इसके साथ ही उन्होंने राज्य के मंत्री मलय घटक और पश्चिम बर्दवान जिले के टीएमसी अध्यक्ष नरेंद्र नाथ चक्रवर्ती का भी शुक्रिया अदा किया. जिन्होंने उनकी मांग को मुख्यमंत्री तक पहुंचाया. भुवन मांडी ने उन सभी लोगों को भी धन्यवाद दिया जिन्होंने इस अनशन को जारी रखने में विभिन्न प्रकार से मदद की है. उन्होंने कहा कि आदिवासियों के प्रदर्शन की वजह से आज आदिवासी समाज के बच्चों को अपना मौलिक अधिकार प्राप्त हुआ. इस अवसर पर सीमा मांडी, संजय हेमब्रम सहित आदिवासी संगठन के तमाम लोग उपस्थित थे.

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