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अर्जुन व सौमित्र ने संगठन की कमजोरी को ठहराया जिम्मेदार

पूर्व सांसद अर्जुन सिंह और सांसद सौमित्र खां ने हार के लिए संगठन की कमजोरी को जिम्मेदार ठहराया है. उनके मुताबिक, कागजों पर जिस तरह से संगठन की रूपरेखा दिखायी गयी, वह हकीकत में नदारद थी.

By Prabhat Khabar News Desk | July 18, 2024 12:45 AM

कोलकाता. हार के कारणों की समीक्षा के लिए साइंस सिटी सभागार हुई भाजपा की बैठक दिन भर चर्चा के केंद्र में रही. प्रदेश भाजपा की सांगठनिक स्थिति को लेकर कई नेताओं ने पार्टी नेतृत्व को जिम्मेवार ठहराया. वहीं, पूर्व सांसद अर्जुन सिंह और सांसद सौमित्र खां ने हार के लिए संगठन की कमजोरी को जिम्मेदार ठहराया है. उनके मुताबिक, कागजों पर जिस तरह से संगठन की रूपरेखा दिखायी गयी, वह हकीकत में नदारद थी. इन दोनों नेताओं के मुताबिक, बूथ स्तर पर कोई संगठन ही वजूद में नहीं दिखा. संगठन ऊपर से नीचे नहीं होता, बल्कि नीचे से ऊपर होता है. ऐसा नहीं होने के कारण भाजपा की यह हालत है. योग्य लोगों को संगठन की जिम्मेवारी नहीं दी जा रही है. पुराने कार्यकर्ताओं को नजरअंदाज करना भी हार का अहम कारण रहा है, सौमित्र खां ने कहा कि यदि कार्यकर्ताओं को सही रास्ता दिखाया गया, तभी सकारात्मक फल मिलेगा. जो हालत है उसमें सांगठनिक फेरबदल की बेहद जरूरत है. असफल लोगों को कोई स्वीकर नहीं करता. उन्होंने कहा कि मेरे ख्याल से नये लोगों को जिम्मेवारी देने का वक्त आ गया है. श्री सिंह ने कहा कि पहले संगठन को जमीनी स्तर से मजबूत करने की जरूरत है. हकीकत यह है कि बूथ स्तर पर संगठन है ही नहीं. ऐसे में अगर हमलोगों को जिम्मेवारी मिलती है, तो उसे लेने से पीछे नहीं हटेंगे.

वोटिंग में संगठन का काम सिर्फ 25 फीसदी ही

सुकांत मजूमदार ने कहा कि वोट जीतने के बाद सब कहेंगे कि पार्टी संगठन बहुत मजबूत है! हालांकि, वोटिंग में संगठन का काम सिर्फ 25 फीसदी ही होता है. बुधवार को प्रदेश भाजपा कार्यसमिति की बैठक में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए सुकांत ने कहा : हमारे बीच मतभेद हो सकते हैं. ऐसा तब होता है जब आप काम पर जाते हैं. हमारे बीच मतभेद हो सकते हैं, लेकिन मनभेद नहीं और ऐसा होना भी नहीं चाहिए. बैठक के दौरान श्री मजूमदार ने पार्टी नेताओं को तृणमूल कांग्रेस को हराने के लिए एकजुट होकर आंदोलन करने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि हमारी लड़ाई तब तक जारी रहेगी, जब तक हम तृणमूल कांग्रेस को सत्ता से नहीं उखाड़ देते.

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