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पीएचडी के लिए आज दाखिला लेगा अर्णब दाम

सजायाफ्ता माओवादी अर्णब दाम को रविवार को हुगली जेल से बर्दवान संशोधनागार में स्थानांतरित कर दिया गया. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, सोमवार को दाम इतिहास में पीएचडी करने के लिए दाखिला लेने बर्दवान विश्वविद्यालय जायेगा.

By Prabhat Khabar News Desk | July 15, 2024 1:19 AM

जेल प्रशासन ने पैरोल भी मंजूर कर ली है, इतिहास में पीएचडी करना चाहता है माओवादी अर्णब दाम

प्रतिनिधि, हुगली/बर्दवान सजायाफ्ता माओवादी अर्णब दाम को रविवार को हुगली जेल से बर्दवान संशोधनागार में स्थानांतरित कर दिया गया. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, सोमवार को दाम इतिहास में पीएचडी करने के लिए दाखिला लेने बर्दवान विश्वविद्यालय जायेगा. इसके लिए एडीजी (जेल) ने उसके अंतरिम पैरोल को भी मंजूरी दे दी है. इस बारे में तृणमूल नेता कुणाल घोष ने कहा कि गतिरोध को दूर करने की कोशिश चल रही है. बर्दवान विश्वविद्यालय के कुलपति गौतम चंद्र ने भी मेरी बात रखी है. प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार, हुगली संशोधनागार से दोपहर 12 बजे दाम को कड़ी सुरक्षा के बीच बर्दवान ले जाया गया. शनिवार को ही कुणाल घोष ने वीसी से फोन पर बात की थी. दाखिले को लेकर गतिरोध को दूर करने का भरोसा वीसी ने दिया था. सोमवार को तीन बजे पीएचडी के लिए अर्णब की काउंसिलिंग होगी. इसी बीच जेल प्रशासन से वीसी के पास इस मामले पर पत्र भी पहुंच जायेगा. विश्वविद्यालय की ओर से जेल विभाग को पहले पत्र भेजा गया था. वीसी ने जेल विभाग से नो-ऑबजेक्शन सर्टिफिकेट मांगा था. जेल मंत्री अखिल गिरि ने कहा कि सोमवार को नो-ऑबजेक्शन सर्टिफिकेट वीसी के पास पहुंच जायेगा. 26 जून को पुलिस सुरक्षा में अर्णब बर्दवान विवि में इंटरव्यू के लिए हाजिर हुआ था. पांच जुलाई को घोषित मेधा सूची में वह प्रथम स्थान पर रहा. 249 लोगों को पीछे छोड़कर उसने प्रथम स्थान हासिल किया. नौ जुलाई को काउंसिलिंग निर्धारित की गयी थी. लेकिन आठ जुलाई को विश्वविद्यालय ने काउंसिलिंग की प्रक्रिया स्थगति कर दी थी.

कौन है अर्णब दाम

आइआइटी खड़गपुर का मेधावी छात्र अर्णब दाम उर्फ विक्रम माओवाद से प्रभावित होकर संगठन में शामिल हो गया था. शिलदा में ईस्टर्न फ्रंटियर राइफल (इएफआर) कैंप पर 15 फरवरी 2010 को हुए हमले के मामले में उसे गिरफ्तार किया गया था. पिछले फरवरी महीने में दाम को आजीवन कारावास की सजा मिली. इएफआर कैंप पर माओवादी हमले में 24 जवान शहीद हो गये थे.

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