आसनसोल, राम कुमार : ट्रेनों की स्पीड बढ़ाने और ट्रेनों में लगने वाले झटके को कम करने के लिए अब आधुनिक तकनीक का सहारा लिया जा रहा है. आसनसोल मंडल रेल प्रबंधक के अनुसार यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए रेलवे बोर्ड के निर्देशानुसार एक ट्रैक से दूसरे ट्रैक के संयोगस्थल पर थिक वेब स्विच प्वाइंट लगाने का काम शुरू कर दिया गया है. रेलवे ट्रैक जहां पर एक ट्रैक से दूसरे ट्रैक में ट्रेन जाती है, वहां ट्रेन के गुजरने पर जोर की आवाज होती है. इससे यात्रियों को दिक्कत होती है और ट्रेन की स्पीड भी कम हो जाती है. इसे रोकने के लिए रेलवे की ओर से ट्रैक के संयोगस्थल पर थिक वेब स्विच प्वाइंट मशीन लगाने का कार्य शुरू कर दिया गया है.
जसीडीह, देवघर, मधुपुर रूटों पर लगाने का काम शुरू किया जायेगा
कुछ ऐसे महत्वपूर्ण रूट हैं जहां पर अभी इसे लगाया जायेगा. इनमें देवघर, जसीडीह, बासुकीनाथ, मधुपुर, चित्तरंजन तथा अन्य कई ऐसे रूट हैं जहां पर पहले चरण में इन्हें लगाने का कार्य शुरू किया जायेगा. आसनसोल रेल मंडल की ओर से जानकारी मिली है कि आसनसोल रेल मंडल मैं ट्रैक का जहां टर्न पॉइंट होता है वहां पर यह सिस्टम लगाया जा रहा है. कुछ जगहों पर इसे लगाया गया है. कुछ जगह ये बाकी है, जहां यह कार्य किया जा रहा है. रेलवे ट्रैक पर थिक वेब स्विच प्वाइंट मशीन लगाने का कार्य चल रहा है. इससे ट्रेनों की स्पीड बढ़ेगी और झटके कम लगेंगे.सफर के दौरान जब ट्रेन एक ट्रैक से दूसरे ट्रैक पर जाती है तो यात्रियों को कंपन या झटके महसूस होते हैं.
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आसनसोल रेल मंडल अब रेलवे ट्रैक मैं लगाने जा रहा है थिक वेब स्विच प्वाइंट
यात्रियों को ऐसे झटकों से बचाने के लिए भारतीय रेलवे ने ट्रैक पर नयी तकनीक का इस्तेमाल शुरू किया है. इससे ट्रैक बदलने के समय कंपन कम होगी और ट्रेनों की स्पीड बढ़ेगी. साथ ही सुरक्षा भी बढ़ेगी. उत्तर रेलवे के झांसी मंडल ने ट्रैक पर थिक वैब स्विच लगाने का शुरू कर दिया है. आसनसोल रेल मंडल भी रेलवे ट्रैक पर (थिक वेब स्विच) प्वाइंट मशीन लगाने का कार्य कर रहा है. अभी तक इसमें परंपरागत स्विच का प्रयोग होता रहा है, लेकिन अब थिक वेब स्विच के माध्यम से यह काम होगा.
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ये होंगे फायदा
थिक वेब स्विच के लगने पर ट्रेनों की स्पीड के साथ सुरक्षा और संरक्षा बढ़ेगी. इसका मुख्य उद्देश्य ट्रेनों को 130 किमी प्रति घंटे की स्पीड तक ले जाना है, जिसे भविष्य में 160 किमी प्रति घंटे तक बढ़ाया जा सकेगा. इस तरह भविष्य में यात्रा में समय की बचत होगी. इसके अलावा इससे लूप लाइन में भी ट्रेनों की गति 30 किमी प्रति घंटे से बढ़कर 50 किमी प्रति घंटे हो सकेगी. इस नयी तकनीकी के प्रयोग से ट्रेन के ट्रैक बदलते समय कंपन कम होगी. ट्रैक की लाइफ भी बढ़ेगी.थिक वेब स्विच से ट्रैक की सुरक्षा को मजबूत बनाने के साथ-साथ उसकी लाइफ को भी बढ़ाता है. इसके अलावा इससे टर्न आउट (ट्रैक बदलने के दौरान) संबंधित फेलियर न के बराबर होते हैं. साथ ही इस पर मेंटेनेंस खर्च परंपरागत की तुलना में कम आता है.
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