इंटरनेट बैंकिंग सेवा बंद होने का डर दिखा लूट लिये 10.85 लाख

नयी तकनीक व पुराने फॉर्मूले से लोगों को लूटने में लगे हैं शातिर

By Prabhat Khabar News Desk | January 24, 2025 11:43 PM
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एनसीआरपी पोर्टल के साथ साइबर क्राइम थाना आसनसोल में की गयी शिकायत, जांच में जुटी पुलिसआसनसोल. साइबर ठगी का सबसे नया तकनीक डिजिटल अरेस्ट, शेयर बाजार में निवेश आदि चल रहा है. इसके बावजूद भी वे अपने पुराने फार्मूलों से आजमाकर आज भी लोगों को फंसा रहे हैं. ऐसा ही एक मामला दुर्गापुर थर्मल पावर स्टेशन इलाके के निवासी लक्ष्मण सिंह के साथ घटी. साइबर ठगों ने श्री सिंह को यह बताया कि उनका इंटरनेट बैंकिंग सेवा जल्द बंद हो जाएगी. इससे बचने के लिए उनके निर्देशों का पालन करें. कॉल करने वाले ने खुद को पीएनबी वन इंटरनेट बैंकिंग सेवा का तकनीशियन बताया था. वे उसपर भरोसा करके उसके निर्देशों का पालन करते रहे और देखा कि उनके खाते से 10.85 लाख रुपये निकल गया. यह मैसेज देखते ही उनके होश उड़ गये. तुरंत इसकी शिकायत उन्होंने एनसीआरपी पोर्टल में दर्ज करायी. जिसके बाद वे आसनसोल साइबर क्राइम थाना में भी आकर शिकायत की. जिसके आधार पर कांड संख्या 10/25 में बीएनएस की धारा 316(2)/318(4)/319(2)/61(2) के तहत प्राथमिकी दर्ज हुई. गौरतलब है कि बीते वर्ष साइबर अपराधियों की धूम रही. आसनसोल दुर्गापुर पुलिस कमिश्नरेट क्षेत्र में साइबर अपराधियों द्वारा कुल 15.75 करोड़ रुपये ठगी करने की प्राथमिकी दर्ज हुई थी. इस राशि का 90 फीसदी हिस्सा निवेश के नाम पर ठगा गया था. इस साल की शुरुआत से ही साइबर अपराधी अपनी रंगत में हैं. दो करोड़ रुपये की ठगी अबतक कर चुके हैं. जिसमें 1.04 करोड़ रुपये डिजिटल अरेस्ट करके लूटा है. इसबीच इंटरनेट बैंकिंग परिसेवा बंद हो जाने के सबसे पुराने फार्मूले को अपनाकर 10.85 लाख रुपये लूटने के मामले को लेकर पुलिस भी हैरान है कि अब भी इस फार्मूले के झांसे में लोग कैसे फंस रहे हैं? पीड़ित श्री सिंह ने शिकायत में बताया कि उन्हें एक अज्ञात नम्बर 9875661952 से कॉल आया. कॉल करने वाले ने खुद को पीएनबी वन इंटरनेट बैंकिंग सेवा पोर्टल का तकनीशियन बताया. उनका खाता भी पीएनबी बैंक में है. उन्हें लगा कि बैंक से ही फोन आया है. इंटरनेट बैंकिंग परिसेवा बंद होने से बचने के लिए वे ठग के सारे निर्देशों का पालन किया. कुछ ही मिनटों बाद यह जानकर वे दंग रह गये कि उनके खाता से युपीआई और अन्य ऑनलाइन माध्यम से 18.85 लाख रुपये की निकासी हुई है.

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