तृणमूल से त्रस्त दुर्गापुर की जनता को भाजपा से आस: बाबुल सुप्रियो

तृणमूल ने फिर की विभिन्न क्लब के सदस्यों संग बैठक राजनीतिक गलियारों में चर्चा का बाजार गर्म विरोधियों का आरोप-मतदान प्रक्रिया को प्रभावित करने की है तृणमूल की योजना दुर्गापुर : दुर्गापुर नगर निगम के चुनावी प्रचार अभियान के क्रम में सत्तारूढ पार्टी ने दुर्गापुर के विभिन्न क्लब के सदस्यों को लेकर एक बार फिर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 12, 2017 12:03 PM
तृणमूल ने फिर की विभिन्न क्लब के सदस्यों संग बैठक
राजनीतिक गलियारों में चर्चा का बाजार गर्म
विरोधियों का आरोप-मतदान प्रक्रिया को प्रभावित करने की है तृणमूल की योजना
दुर्गापुर : दुर्गापुर नगर निगम के चुनावी प्रचार अभियान के क्रम में सत्तारूढ पार्टी ने दुर्गापुर के विभिन्न क्लब के सदस्यों को लेकर एक बार फिर से बैठक किये जाने को लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है. प्रचार के इस अंतिम दौर में तृणमूल के अला नेताओं का क्लब सदस्यों के साथ बैठक विरोधियों को हजम नहीं हो रही है. उनके अनुसार यह बठैक मतदान प्रक्रिया को प्रभावित करने के उद्देश्य से की गयी थी.
गौरतलब है कि गुरुवार की शाम शहर स्थित सृजनी के सभागार में तृणमूल ने क्लब सदस्यों के साथ बैठक की. इसमें क्रीड़ा व युवा कल्याण मंत्री अरूप विश्वास, मंत्री स्वपन देवनाथ, मंत्री लक्ष्मी रतन शुक्ला, विधायक दीपेंदू विश्वास सहित कई पूर्व फुटबॉल खिलाड़ी गौतम सरकार, प्रशांत बनर्जी, देवजीत घोष आदि उपस्थित थे. बैठक में शहर के तकरीबन 193 क्लब के सदस्यों ने िहस्सा िलया. कांग्रेस के जिलाध्यक्ष देवेश चक्रवर्ती ने कहा िक टीएमसी के अब तक किये गये विकास के दावे पूरी तरह खोखले सािबत हुये हैं. इस बात से यहां की अवाम अच्छी तरह से अवगत हो चुकी है. यहां की जनता अपने आप को तृणमूल के हाथों छला महसूस कर रही है. तृणमूल को भी यह यकीन हो गया है िक जनता ने उन पर विश्वास करना छोड़ िदया है.
इसलिए तृणमूल की आंखों के सामने उनकी हार नाच रही है. इससे घबरा कर तृणमूल कांग्रेस मतदान प्रक्रिया को प्रभावित करने तथा वोट लूट के उद्देश्य से क्लब सदस्यों का सहारा लिया जा रहा है. राज्य की तृणमूल सरकार ने सभी क्लबों के खेल के विकास के नाम पर दो-दो लाख रुपये िदये गये थे. इसका एहसान चुकाने के लिए क्लब सदस्यों को चुनाव में झोंका जा रहा है. भाजपा नेता अमिताभ बनर्जी ने कहा िक तृणमूल कांग्रेस की यही संस्कृति रही है कि किसी भी प्रकार जन,धन,बल का प्रयोग कर अपनी गद्दी बचा सकें.
उन्होंने कहा कि चुनाव प्रचार की शुरुआत में भी तृणमूल के नेताओं ने क्लब सदस्यों के साथ बैठक की थी. उन्होंने कहा कि इससे पहले किसी भी पार्टी ने क्लबों को सीधे तौर पर नहीं जोड़ा था. सभी क्लब अपने-अपने हिसाब से राजनीतिक पार्टियों का साथ देते थे. लेिकन तृणमूल ने एक नया अध्याय शुरू कर दिया है. क्लबों को अनुदान देकर उन्हें गलत रास्ते पर चलने की सीख दी जा रही है.

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