42 वार्डों के प्रत्याशियों का फैसला होगा आज, तैयारियां पूरी
17 नंबर वार्ड में पहले से ही तृणमूल प्रत्याशी को मिल चुकी है निर्विरोध जीत दुर्गापुर गवर्नमेंट कॉलेज परिसर में बने मतगणना केंद्र में होगी गिनती, हुई समीक्षा महकमाशासक सह चुनाव अधिकारी शंख सांतरा ने अधिकारियों संग किया निरीक्षण दुर्गापुर. दुर्गापुर नगर निगम के 42 वार्डो के लिए बीते 13 अगस्त को हुए मतदान की […]
17 नंबर वार्ड में पहले से ही तृणमूल प्रत्याशी को मिल चुकी है निर्विरोध जीत
दुर्गापुर गवर्नमेंट कॉलेज परिसर में बने मतगणना केंद्र में होगी गिनती, हुई समीक्षा
महकमाशासक सह चुनाव अधिकारी शंख सांतरा ने अधिकारियों संग किया निरीक्षण
दुर्गापुर. दुर्गापुर नगर निगम के 42 वार्डो के लिए बीते 13 अगस्त को हुए मतदान की मतगणना गुरूवार को दुर्गापुर गर्वमेंट कॉलेज परिसर में बने मतगणना केंद्र में सुबह आठ बजे से शुरू होगी. चुनाव अधिकारियों ने इसकी तैयारी पूरी कर ली गयी है. महकमा शासक व चुनाव अधिकारी शंख सांतरा ने कहा कि हर वार्ड में बूथों के हिसाब से गिनती होगी.
किसी वार्ड में नौ राउंड तो किसी वार्ड में 22 राउंड तक गिनती हो सकती है. दोपहर एक बजे तक सभी वार्डो के परिणाम आने की संभावना है. सनद रहे कि नगर निगम में वार्डो की संख्या 43 है. इनमें से 17 नंबर वार्ड में तृणमूल प्रत्याशी को निर्विरोध जीत मिल चुकी है. 42 वाडरें में 135 प्रार्थी अपनी किस्मत आजमा रहे थे. उनके किस्मत का फैसला इवीएम में बंद है. इन मशीनों को कड़ी सुरक्षा में स्ट्रांग रूमों में रखा गया है.
तृणमूल जिलाध्यक्ष उत्तम मुखर्जी ने बताया कि नगर निगम के चुनाव में पार्टी को क्लीन स्वीप जीत मिलेगी. विरोधियों का मुश्किल से खाता खुल सकता है. क्योंकि पार्टी ने विकास के मुद्दे पर चुनाव प्रचार किया था. जबकि भाजपा ने आतंक का सहारा लिया.
इधर वाममोर्चा ने वोटों की गिनती का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है. माकपा के पूर्व विधायक गोरांग चटर्जी ने कहा कि मतदान के दिन मतदातआओं को मतदान करने का मौका नहीं मिला तथा सभी वार्डो में बूथ कब्जा कर लिया गया.
इसी कारण वाममोर्चा ने वोटों की गिनती में हिस्सा नहीं लेने का फैसला किया है. नगर निगम का चुनाव दोबारा शांतिपूर्ण और निष्पक्ष कराया जाये. इसके लिए कोलकाता हाईकोर्ट में वाममोर्चा ने याचिका दायर कर दी है.
भाजपा नेता लखन घोराई ने कहा कि नगर निगम चुनाव में मतदाताओं ने पहली बार इस तरह का आतंक देखा. वाममोर्चा के शासनकाल में भी इस तरह का कब्जा नहीं होता था. शहर की जनता ने सब कुछ देखा है तथा तृणमूल को इसका खामियाजा भी भुगतना होगा. मतदान यदि सही प्रकार से हुआ होता तो हर किसी को वोटों की गिनती में हिस्सा लेने का मजा रहता. लेकिन सभी को चुनाव का परिणाम मालूम है.