नगर निगम के बोर्ड गठन को लेकर दुर्गापुर के लोग दिख रहे निरुत्साहित
मतदान के बाद लोगों में दिख रही नाराजगी दुर्गापुर. नगर निगम चुनाव में तृणमूल कांग्रेस द्वारा बड़ी जीत हािसल करने के बाद बोर्ड गठन और मेयर, उपमेयर पद के िलये मंथन की जा रही है. परन्तु दुर्गापुर की आम जनता में इसे लेकर कोई खास उत्साह नहीं िदख रहा है. आम लोगों के साथ -साथ […]
मतदान के बाद लोगों में दिख रही नाराजगी
दुर्गापुर. नगर निगम चुनाव में तृणमूल कांग्रेस द्वारा बड़ी जीत हािसल करने के बाद बोर्ड गठन और मेयर, उपमेयर पद के िलये मंथन की जा रही है. परन्तु दुर्गापुर की आम जनता में इसे लेकर कोई खास उत्साह नहीं िदख रहा है. आम लोगों के साथ -साथ तृणमूल समर्थकों का एक वर्ग भी इसे लेकर कोई उत्साह नहीं दिखा रहा है. दुर्गापुर की जनता की इस बेरुखी राजनीतिक गलियारे में चर्चा का विषय बनी हुयी है.
राजनीति के जानकार इसे आने वाले दिनों में होने वाले चुनाव के लिये एक बड़ा संकेत मान रहे हैं. गौरतलब है िक बीते 2012 के नगर निगम चुनाव में तृणमूल कांग्रेस ने नगर निगम के 43 में से 29 सीटों पर जीत हासिल कर बोर्ड का गठन किया था.
इस दौरान दुर्गापुर की जनता में बोर्ड गठन तथा मेयर सहित सभी पदों के लेकर काफी उत्साह देखा गया था. लोगों ने दिल खोल कर तृणमूल उम्मीदवारों का स्वागत किया था. नगर निगम के इस चुनाव में मतदान तक लोगों का तृणमूल के प्रति खासा लगाव देखा जा रहा था. लेकिन मतदान के दिन के बाद शहर की आम जनता को तृणमूल से दूर होते देखा जा रहा है. तृणमूल समर्थकों का एक वर्ग भी मतदान के बाद पार्टी से छिटकते नजर आ रहा है. लोग तृणमूल कांग्रेस पर अलोकतांत्रिक तरीके से चुनाव जीतने का आरोप लगा रहे हैं.
लोगों का आरोप है िक तृणमूल ने न केवल शहर की जनता को उसके अधिकार से वंचित रखा है बल्कि स्थानीय समर्थको पर भी विश्वास नहीं िकया. तृणमूल कांग्रेस पर पूरी मतदान प्रक्रिया बाहर से आये लोगों द्वारा संचालित करने का आरोप लगाया जा रहा है.
लोगों का कहना है िक दुर्गापुर की जनता ने कभी भी ऐसा चुनाव नहीं देखा है. अपने अधिकार का प्रयोग पूरी तरह नहीं कर पाने के कारण इलाके के लोग बोर्ड के गठन को लेकर निरुत्साहित दिख रहे हैं. शहर के किसी भी गली-मुहल्ले में इसे लेकर कोई चर्चा नहीं देखी जा रही है. लोगो का कहना है िक लोकतांत्रिक तरीके से चुनाव होने पर लोगों को उत्साह होता है िक किस उम्मीदवार को क्या पद मिला है? जब मतदान से लेकर सब कुछ अपने ही करना है, वहां आम जनता की भावना का कोई मतलब नहीं रह जाता है. लोगों का कहना है िक कोई कुछ बने उन्हें तो बस अपने इलाके के विकास के साथ-साथ इलाके में शांति की कामना है.