सरकारी बैंक कार्यालयों में लटके रहे ताले
यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के आह्वान पर हड़ताल रही असरदार एटीएम ने भी नहीं उगले नोट, व्यवसायिक गतिविधियां पूरी तरह से बाधित आसनसोल. सरकार के सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण एवं बैंकों के विलय के निर्णय के विरोध में यूनाइटेड फॉरम ऑफ बैंक यूनियन के बैनर तले शिल्पांचल के बैंक कर्मी मंगलवार को […]
यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के आह्वान पर हड़ताल रही असरदार
एटीएम ने भी नहीं उगले नोट, व्यवसायिक गतिविधियां पूरी तरह से बाधित
आसनसोल. सरकार के सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण एवं बैंकों के विलय के निर्णय के विरोध में यूनाइटेड फॉरम ऑफ बैंक यूनियन के बैनर तले शिल्पांचल के बैंक कर्मी मंगलवार को एक दिवसीय हड़ताल पर रहे. यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के आह्वान पर नौ बैंक यूनियनों- ऑल इंडिया बैंक इंपलाइज एसोसिएशन, ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन, एआइबीओसी, एनसीबीइ, बीइएफआइ, आइएनबीइएफ, आइएनबीओसी, एनओबीडब्लू, एनओबीओ के प्रतिनिधियों ने बीएनआर स्थित एसबीआइ मुख्य शाखा के समक्ष प्रदर्शन किया. सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों एसबीआइ, बैंक ऑफ बरोदा, बैंक ऑफ इंडिया, यूनियन बैंक इंडिया, यूनाइटेड बैंक आफ इंडिया, सिंडिकेंट बैंक, केनरा बैंक, इलाहाबाद बैंक, इंडियन ओवरसिज बैंक की आसनसोल शाखाएं बंद रहीं.
बैंक एटीएम भी बंद थे. यूनियन प्रतिनिधि ने कहा कि केंद्र सरकार देश के सबसे विश्वसनीय सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण की साजिश कर रही है. बहुत से बैंकों को एक कर उनके विलय का प्रयास किया जा रहा है. जिससे बैंकों की कमी होने पर लोगों को निजी कंपनियों से महंगे ब्याज दर पर लोन लेने होंगे. जबकि सार्वजनिक बैंक सस्ते दर पर जरूरतमंदों को लोन देते हैं. उन्होंने कहा सरकार बडे कॉर्पोरेट कंपनियों को लोन चुकता न करने पर भी कार्रवाइ के नाम पर खानापूर्ति करती है.
बराकर में भी दिखा हड़ताल का असर: बराकर. राष्ट्रीय बैंक कर्मियों की हड़ताल को लेकर मंगलवार को बराकर शहर मे स्थित एसबीआई ,यूबीआई, सेंट्रल बैंक, यूको बैंक तथा इलाहाबाद बैंक कार्यालयों के ताले नहीं खुले. जिससे उपभोक्ताओं को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा. हड़ताल के कारण शहर मे एटीएम भी काम नहीं कर रहे थे. जिससे जरु रतमंद लोगो का काम नहीं हुआ.
सीतारामपुर में भी बैंकिंग कार्य बंद: सीतारामपुर. बैंक कर्मियों की हड़ताल के कारण नियामतपुर में सारे बैंक कार्यालय बंद रहे. किसी प्रकार का लेन देन नहीं हुआ. जिससे लोगो को खासी परेसानी का सामना करना पड़ा. ग्राहकों को पहले से इसकी जानकारी नही रहने पर बैरंग लौटना पड़ा.
फॉस्बेक्की के सगठन सचिव सह नियामतपुर मर्चेट के सचिव सचिन वलोदिया ने कहा कि बिजनेस की अवस्था पहले से ही मंदी पर चल रही है उस पर बैंको की हड़ताल से बिजनेस पर बुरा असर प्ड़ता है. नियामतपुर चेंबर ऑफ कॉमर्स के सचिव सह चिनाकुडी गूरूद्वारा कमेटी के सचिव गुरिबन्दिर सिंह ने कहा कि अभी पूरा बिजनेस बैंक सिस्टम मे है, साथ ही आम आदमी केस का कम उपयोग कर रहे है सारे बैंक प्रणाली पर निर्भर है, सरकार व बैंक ऊनयन की खीच तान मे बिजनेश को ङोलना पड़ रहा है.