फर्जी नियुक्ति पत्र के साथ छह युवकों को सीआइबी ने पकड़ा

चिरेका में आरपीएफ, ग्रुप डी के पद पर नियुक्ति के लिये आये थे सभी युवक हुगली और हावड़ा के रूपनारायणपुर : फर्जी नियुक्ति पत्र लेकर चित्तरंजन रेलक्ष्ंजन कारखाना (चिरेका) में रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) और ग्रुप डी के पद पर ज्याइनिंग करने आये छह युवकों को सोमवार को आरपीएफ की क्राइम इंटेलिजेंस ब्रांच (सीआइबी) ने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 29, 2017 11:37 AM
चिरेका में आरपीएफ, ग्रुप डी के पद पर नियुक्ति के लिये आये थे
सभी युवक हुगली और हावड़ा के
रूपनारायणपुर : फर्जी नियुक्ति पत्र लेकर चित्तरंजन रेलक्ष्ंजन कारखाना (चिरेका) में रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) और ग्रुप डी के पद पर ज्याइनिंग करने आये छह युवकों को सोमवार को आरपीएफ की क्राइम इंटेलिजेंस ब्रांच (सीआइबी) ने चिरेका रेल नगरी में चिल्ड्रेन्स पार्क के पास दबोच लिया. पार्क के पास भटक रहे इन युवक ों को संदेह के आधार पर सीआइबी के अधिकारियों ने पकड़ा है. पूछताछ और जांच में इनके पास से फर्जी नियुक्ति पत्र बरामद हुये हैं.
इसके उपरांत कार्यालय में ले जाकर युवकों से मामले की पूरी जानकारी लेने के बाद इन्हें पुलिस के हवाले कर दिया गया. सभी युवक हुगली और हावड़ा से हैं. चिरेका के आरपीएफ कमांडेंट बीके सिंह ने पूरी घटना की जानकारी दी. चित्तरंजन रेल नगरी के चिल्ड्रेन्स पार्क इलाके में सोमवार की सुबह संदेह के आधार पर आरपीएफ की सीआइबी टीम ने छह युवकों को रोककर पूछताछ करनी शुरू की.
आारपीएफ कमांडेंट श्री सिंह ने बताया कि इन युवकों के नाम पल्लव करात, राजकुमार कोले, प्रदीप मंडल, भाष्कर बरु आ, सुरजीत घोष और पलाश बाग है. पूछताछ में युवकों ने कहा कि वे लोग चिरेका में आरपीएफ और ग्रुप डी पद पर नियुक्ति के लिये आये हैं. उन्होंने नियुक्ति पत्र भी दिखाया. उसके उपरांत सीआइबी ने उन्हें हिरासत में ले लिया. युवकों ने बताया कि उन्होंने इस बहाली के सात लाख रु पया करके स्थानीय एक एजेंट अभिजीत राय को दिया है.
फिजिकल टेस्ट, इंटरव्यू , मेडिकल सब कुछ हो जाने के बाद उन्हें नियुक्ति पत्र दिया गया है. हालांकि नियुक्ति पत्र में नियुक्ति की तारीख बीत जाने के बाद ये युवक ज्वाइनिंग के लिये सोमवार को आये थे. लेकिन एजेंट से संपर्क न होने के कारण वे भटक रहे थे. कमांडेंट श्री सिंह ने बताया कि नियुक्ति पत्र में सील, मुहर सभी ऑरिजिनल है. इस कार्य मे चिरेका के कर्मी और कुछ अधिकारी भी शामिल हो सकते हैं.
उनकी तलाश की जा रही है. सनद रहे कि 17 अगस्त को इसी प्रकार फर्जी नियुक्ति पत्र लेकर नौकरी के लिए आये सात युवकों को सीआइबी ने पकड़ा था. उनकी निशानदेही पर पुलिस और आरपीएफ ने मिलकर एजेंट अभिजीत राय को गिरफ्तार किया था. सात दिनों की रिमांड में अभिजीत ने नौकरी के नाम पर ठगी कर साढ़े नौ करोड़ रुपया उगाही करने की बात स्वीकारी है. पुलिस उसके सहयोगी और पैसों की बरामदगी का प्रयास कर रही है.

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