केंद्र के खिलाफ खोला मोर्चा

आंदोलन. श्रमिक विरोधी नीतियों के खिलाफ कोई समझौता नहीं श्रम कानूनों में संशोधन, उदारवादी नीतियों का होगा पुरजोर विरोध 17 को संसद मार्च में कोयला श्रमिकों की भागीदारी का कियाआग्रह जेबीसीसीआइ सदस्य डॉ बीके राय ने संबोधित किया सेमिनार को सांकतोडिया : सोदपुर एरिया के समुदायिक भवन में खान श्रमिक कांग्रेस (बीएमएस) ने सोमवार को […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 7, 2017 1:07 AM
आंदोलन. श्रमिक विरोधी नीतियों के खिलाफ कोई समझौता नहीं
श्रम कानूनों में संशोधन, उदारवादी नीतियों का होगा पुरजोर विरोध
17 को संसद मार्च में कोयला श्रमिकों की भागीदारी का कियाआग्रह
जेबीसीसीआइ सदस्य डॉ बीके राय ने संबोधित किया सेमिनार को
सांकतोडिया : सोदपुर एरिया के समुदायिक भवन में खान श्रमिक कांग्रेस (बीएमएस) ने सोमवार को सेमिनार आयोजित किया. इसमें 17 नवंबर को दिल्ली में होनेवाले संसद मार्च में भाग लेने की अपील की गयी.
अखिल भारतीय खदान मजदूर संघ (बीएमएस) कोल एवं नन कोल के प्रभारी सह जेबीसीसीआइ सदस्य डॉ बसंत कुमार राय, अध्यक्ष बीके राय, उपाध्यक्ष तापस घोष, खान श्रमिक कांग्रेस (बीएमएस) के महामंत्नी धनंजय पांडेय, अध्यक्ष नरेंद्र सिंह, सोदपुर क्षेत्नीय सचिव दयाचंद नोनिया, क्षेत्रीय अध्यक्ष रामाशंकर राम, जेसीसी सदस्य अशोक कुमार, क्षेत्नीय संगठन मंत्नी धीरज गिरि आदि मौजूद थे.
डॉ श्री राय ने कहा कि मजदूरों के हित में काम करनेवाले संगठन भारतीय मजदूर संघ ने केंद्र सरकार के खिलाफ सड़क पर उतरने का निर्णय लिया है.
उन्होंने कहा कि आगामी 17 नवंबर को देशभर से पांच लाख से ज्यादा मजदूर रामलीला मैदान में एकत्रित होकर सरकार के खिलाफ संसद भवन तक मार्च करेंगे. उन्होंने कहा की संघ ने केंद्र सरकार के एफडीआई को बढ़ावा देने, न्यूनतम वेतन निर्धारित करने और समान काम ,समान वेतन समेत 12 सूत्नीय मांगों को लेकर मेगा रैली करने का फैसला लिया है. उन्होंने कहा कि दसवां राष्ट्रीय कोयला वेतन समझौते को लेकर कुछ श्रम संगठनों ने मजदूरों के बीच जाकर भ्रम फैलाना शुरू किया है.
परन्तु जब मजदूरों के हाथ में नया पेमेंट मिलेगा तब उन्हें पता चलेगा कि इस समझौते से उन्हें सबसे ज्यादा फायदा मिला है. उन्होंने कहा कि संगठन में एकता बनाये रखें, परिणाम निश्चित सामने आयेगा.

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