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पांच साल तक सुधारें अपनी मार्क्सशीट

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आसनसोल : सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (सीबीएसइ) बोर्ड परीक्षाओं के बाद जारी परिणाम में गलतियां न के बराबर हो, इसकी तैयारी में लगा है. जल्द ही बोर्ड इसे पूरा कर लेगा. बोर्ड ने यह भी कहा है कि अब विद्यार्थी चाहें, तो परीक्षा पास करने के पांच साल बाद तक मार्क्‍सशीट में सुधार करा […]

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आसनसोल : सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (सीबीएसइ) बोर्ड परीक्षाओं के बाद जारी परिणाम में गलतियां न के बराबर हो, इसकी तैयारी में लगा है. जल्द ही बोर्ड इसे पूरा कर लेगा. बोर्ड ने यह भी कहा है कि अब विद्यार्थी चाहें, तो परीक्षा पास करने के पांच साल बाद तक मार्क्‍सशीट में सुधार करा सकते हैं.
अब तक इसी काम के लिए एक साल का समय मिलता था. स्टूडेंट्स अपनी मार्क्‍सशीट में जन्म तिथि या नाम की स्पेलिंग में गलती आदि में सुधार करा सकेंगे.
सिस्टम रोकेगा गड़बड़ी
सीबीएसइ ने रिजल्ट की गड़बड़ी को रोकने के लिए परीक्षा प्रणाली में सुधार किया है. जिस सॉफ्टवेयर में रिजल्ट तैयार किया जायेगा, वह इतना उम्दा होगा कि नंबरिंग और जोड़ में एक भी गलती होने पर वह रेड सिग्नल दिखा देगा. पिछले वर्ष की गलतियों से सीख लेते हुए इस दिशा में काम किया गया है.
यह अपडेट सॉफ्टवेयर परिणाम जारी होने से पहले ही छात्रों की उत्तर पुस्तिका व अन्य विषयों में मिले परिणामों का तुलनात्मक अध्ययन करेगा और जहां गलती हुयी है, उसे इंगित करेगा. जब तक गलती दुरुस्त नहीं होगी, सॉफ्टवेयर से परिणाम तैयार करने में ग्रीन सिग्नल नहीं मिलेगा. इसके बाद भी अगर छात्रों को किसी भी तरह की आपत्ति रह जाती है, तो वे उत्तर पुस्तिका की फोटो कॉपी हासिल कर बोर्ड में शिकायत कर सकते हैं.
मौजूदा दौर में ऐसे होता है कार्य
अभी परीक्षा के बाद जैसे ही कॉपी मूल्यांकन के लिए केंद्र पहुंचती है, पहले उस पर बार कोडिंग की जाती है. ताकि इससे यह पता नहीं चल सके कि उत्तर पुस्तिका किस छात्र की है.
हर परीक्षा केंद्र में एक चीफ नोडल सुपरवाइजर (सीएनएस) होता है. उनके अधीन चार टीमें होती हैं. इनमें हेड ऑफ एग्जामिनेशन (मुख्य परीक्षक), सहायक मुख्य परीक्षक और विषय के शिक्षक शामिल होते हैं. विषय विशेषज्ञ शिक्षक ही बतौर सीएनएस चुने जाते हैं. कॉपी मूल्यांकन से पहले बोर्ड कार्यालय में विषय विशेषज्ञ की एक बैठक बुलाकर पूरा प्रश्न पत्र हल किया जाता है.
इस तरह की गलतियां पकड़ी जायेंगी
यदि किसी छात्र के तीन विषयों में अधिक अंक हैं, लेकिन दो में बेहद कम, तो सॉफ्टवेयर रेड एरर देगा.
अगर जोड़ में किसी भी तरह की गड़बड़ी होती है, तब रेड एरर दिखेगा.
स्कूल में किसी विषय के परिणाम में पिछले साल के मुकाबले बड़ा अंतर दिखेगा तो रेड एरर होगा.

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