नेपाल जर्नी पर 15 को रवाना होंगे साइकिलिस्ट तपन नाथ

एक माह में तय करेंगे 2191 किलोमीटर की दूरी अकेले साइकिल से शांति का संदेश देंगे जन-जन को, पहले भी की है कई ऐतिहासिक जर्नी रूपनारायणपुर : पिछले 38 वर्षों से सामाजिक संदेशों को लेकर साइकिल से पूरे भारत की यात्ना करनेवाले हिंदुस्तान केबल्स लिमिटेड के पूर्व कर्मी 56 वर्षीय तपन नाथ 15 नवंबर को […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 13, 2017 5:43 AM
एक माह में तय करेंगे 2191 किलोमीटर की दूरी अकेले साइकिल से
शांति का संदेश देंगे जन-जन को, पहले भी की है कई ऐतिहासिक जर्नी
रूपनारायणपुर : पिछले 38 वर्षों से सामाजिक संदेशों को लेकर साइकिल से पूरे भारत की यात्ना करनेवाले हिंदुस्तान केबल्स लिमिटेड के पूर्व कर्मी 56 वर्षीय तपन नाथ 15 नवंबर को शांति का संदेश लेकर साइकिल से नेपाल यात्ना अभियान पर रवाना होंगे. एक माह की यह यात्ना होगी.
वे साइकिल से 2191 किलोमीटर की दूरी तय करेंगे. वर्ष 2009-10 में श्रीनगर जम्मू कश्मीर से कन्याकुमारी और कन्याकुमारीसे रूपनारायणपुर की नौ हजार किलोमीटर की साइकिल यात्ना वे पूरी कर चुके है. एचसीएल कर्मी श्री नाथ ने वर्ष 1978 में पहली बार साइकिल से रूपनारायणपुर से मालदह की साइकिल यात्ना की थी. उसके बाद से यह उनका शौक बन गया. विभिन्न सामाजिक मुद्दों को लेकर साल में यात्ना वे नियमित करने लगे.
जिसमें 500 किलोमीटर से लेकर नौ हजार किलोमीटर तक की यात्ना शामिल है. उनके कुछ बड़े अभियानों में वर्ष 2008 में रूपनारायणपुर से कूचबिहार और कूचबिहार से पुन: रूपनारायणपुर 1400 किलोमीटर, वर्ष 2011 में पोरबंदर (गुजरात) से सिलचर (असम) होकर रूपनारायणपुर 5200 किलोमीटर, पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा 2012-13 में स्वामी विवेकानंद के 150 जयंती पर साइकिल से स्वामी जी का संदेश लेकर भारत भ्रमण 8000 किलोमीटर की अभियान का नेतृत्व, वर्ष 2014 में श्रीनगर से शिमला 2800 किलोमीटर सबसे दुर्गम हिमालयन साइकिल अभियान में विश्व की सबसे ऊंची चोटी 18582 फीट द्रास, कारिगल, लेह खारदुंगला, मनाली, मनिकरण होकर शिमला, वर्ष 2015 में गंगा सफाई का संदेश लेकर अकेले गंगोत्नी से गंगासागर होकर रूपनारायणपुर 3000 किलोमीटर की यात्ना शामिल है.
इस बार भी वे अकेले शांति का संदेश लेकर 15 नवंबर को रूपनारायणपुर से रवाना होंगे. पारसनाथ, गया, पटना, मुजफ्फरपुर, भारत नेपाल सीमा वीरगंज से नेपाल में प्रवेश करेंगे. काठमांडू, पोखरा, मुंगलिंग, वीरगंज होते हुए राजविराज, सिलीगुड़ी, मालदह, सिउड़ी, आसनसोल होकर 15 दिसंबर को रूपनारायणपुर वापस लौटेंगे.

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