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एचसीएल स्कूलों पर शिक्षा आयुक्त की बैठक शीघ्र

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By Prabhat Khabar Digital Desk | January 3, 2018 5:32 AM

स्कूल भवनों के अधिग्रहण के मुद्दे पर लिया जायेगा अंतिम निर्णय

अतिरिक्त स्कूल निरीक्षक ने सारी जानकारियां कर दी है अग्रसारित
रूपनारायणपुर : राज्य सरकार की शिक्षा विभाग के आयुक्त हिंदुस्तान केबल्स लिमिटेड (एचसीएल) प्रबंधन द्वारा संचालित दो स्कूल भवनों के चल अचल संपित्त की अधिग्रहण करने को लेकर जल्द उच्च स्तरीय बैठक करेंगे. इस मुद्दे से जुडे सारे रिपोर्ट और कागजात जिला के अतिरिक्त स्कूल निरीक्षक (एडीआई) अजय पाल ने शिक्षा आयुक्त को भेज दिया है. जिसके आधार पर ही शिक्षा आयुक्त उच्च स्तरीय बैठक करेंगे. बैठक में जिला प्रशासन, जिला शिक्षा विभाग, एचसीएल प्रबंधन के अधिकारी, दोनों स्कूलों के प्रतिनिधि, संस्था की नगरी में स्तिथ राज्य सरकार की सात प्राथमिक स्कूलों के प्रधान शिक्षक मौजूद रहेंगे. इसमें अधिग्रहण की रूपरेखा तैयार होगी. जिसके बाद ही अधिग्रहण के निर्णय पर सरकार की अंतिम मुहर लगेगी.
क्या है मामला
एक फरवरी, 2017 को एचसीएल के बंद हो जाने के बाद संस्था द्वारा संचालित रूपनारायणपुर हिंदुस्तान केबल्स हाई स्कूल (बालिका) हिंदी व बंगला माध्यम और रूपनारायणपुर हिंदुस्तान केबल्स हाई स्कूल (उच्च माध्यमिक) हिंदी व बांग्ला माध्यम कक्षा 10 तक तथा को एडुकेसन कक्षा ग्यारह-बारह, इन दो स्कूलों में पढ़ने वाले सैकडो छात्नों का भविष्य संकट में आ गया. इसके साथ ही कंपनी नगरी में स्थित तीन हिंदी और चार बांग्ला माध्यम प्राथमिक विद्यालयों के समक्ष भी संकट की स्थिति उत्पन्न हो गयी. एचसीएल प्रबंधन स्कूलों का संचालन जारी रखा और राज्य के स्कूल शिक्षा आयुक्त को पत्न लिखकर आग्रह किया कि इन दो स्कूलों को राज्य सरकार के शिक्षा विभाग द्वारा अधिग्रहण कर लिया जाये. नगरी में सात जो प्राथमिक स्कूल है, उन्हें भी इन्ही विद्यालय के भवनों में शिफ्ट कर लिया जाये. इस पत्न के आधार पर स्थानीय बीडीओ स्तर पर, जिलाशासक स्तर पर और जिला स्तर मॉनिटरिंग कमेटी की भी बैठक हुयी. बैठक में लिए गए निर्णय के आधार पर जिला के शिक्षा प्रभारी इंद्रजीत सरकार, डिप्टी मिजस्ट्रेट सायन्तन बोस, एडीआई अजय पाल और स्थानीय स्कूल अवर निरीक्षक श्रीकांत दोलुई ने स्कूलों का दौरा कर रिपोर्ट तैयार किया.
एडीआई ने शिक्षा आयुक्त को पत्र लिखा
एडीआई श्री पाल ने इन दो स्कूल भवनों के अधिग्रहण करने के साथ यहां स्थित सात प्राथमिक विद्यालयों को लेकर सारे रिपोर्ट के साथ स्कूल शिक्षा आयुक्त को 14 नवंबर को पत्न लिखा. जिसमें उन्होंने अब तक इस मुद्दे पर हुयी चर्चा, दौरा, स्कूलों का सम्पूर्ण विवरण, छात्नों की संख्या आदि सभी जानकारियां आयुक्त को उपलब्ध करायी है.
शिक्षकों की नियुक्ति 31 तक
एचसीएल प्रबंधन ने अपने स्कूल के शिक्षकों को ही वोलेंटरी रिटायरमेंट के बाद उन्हें पुन: ठेका पर नियुक्त कर स्कूलों का संचालन जारी रखा. शिक्षकों को छह माह करके नियुक्ति दी जाती है. मंत्नालय के निर्देश पर प्रबंधन ने शिक्षकों को मौखिक तौर पर सूचित कर दिया है कि 31 जनवरी के बाद उन्हें पुन: नियुक्ति नहीं मिलेगी. ऐसे में स्कूल 31 जनवरी के बाद बंद हो सकते हैं.
एचसीएल प्रबंधन ने राज्य शिक्षा विभाग से अपील की है कि स्कूलों के अधिग्रहण को लेकर जो भी निर्णय लेना हो वह 31 जनवरी तक ग्रहण कर लें, क्योंकि संस्था की चल अचल संपित्त बेचने की प्रक्रि या चल रही है. यदि सरकार स्कूलों का अधिग्रहण करती है तो मंत्नालय को इस विषय मे जल्द से जल्द सूचित करना होगा.
प्राथमिक स्कूल के 702 छात्रों के समक्ष संकट
नगरी में स्थित राज्य सरकार की सात प्राथमिक विद्यालयों का निर्माण अपने जमीन पर एचसीएल ने किया था और इसकी देखभाल भी कंपनी ही करती थी. वर्ष 2003-2004 से शिक्षा विभाग के फंड से शौचालय, किचन शेड आदि का निर्माण हुआ. यहां तीन हिंदी प्राथमिक विद्यालयों में 415 छात्न और चार बांग्ला प्राथमिक विद्यालयों में 287 छात्न पढ़ते हैं. यह सारे स्कूल यदि एचसीएल संचालित दो स्कूल भवनों में शिफ्ट कर लिए जाते है तो अधिकांश छात्नों के लिए आने जाने की एक समस्या बड़ी समस्या उत्पन्न हो जायेगी. ऐसे में शिक्षकों को यह डर सता रहा है कि स्कूल दूर हो जाने से छात्न यहां आने के बजाय पढाई छोड सकते हैं या फिर अन्य स्कूलों में दाखिला ले लेंगे.

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