अंग्रेजी में अनुवाद की विवशता से प्रदर्शन प्रभावित

आकलन. यूनिवर्सिटी के 10 फीसदी छात्र प्रारंभिक से उच्च शिक्षा करते हैं हिंदी में केएनयू के राजनीतिक विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष ने स्वीकार किया कि जो छात्र प्राथमिक शिक्षा से ही मातृभाषा में शिक्षा ग्रहण करते हैं, अचानक अंग्रेजी की अनिवार्यता होने पर उनका प्रदर्शन प्रभावित होता है. उन्होंने बेहतर प्रदर्शन के लिए मातृभाषा की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 4, 2018 6:34 AM

आकलन. यूनिवर्सिटी के 10 फीसदी छात्र प्रारंभिक से उच्च शिक्षा करते हैं हिंदी में

केएनयू के राजनीतिक विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष ने स्वीकार किया कि जो छात्र प्राथमिक शिक्षा से ही मातृभाषा में शिक्षा ग्रहण करते हैं, अचानक अंग्रेजी की अनिवार्यता होने पर उनका प्रदर्शन प्रभावित होता है. उन्होंने बेहतर प्रदर्शन के लिए मातृभाषा की अनिवार्यता पर जोर दिया
आसनसोल : काजी नजरूल विश्वविद्यालय (केएनयू) के विद्याचर्चा भवन स्थित राजनीति विज्ञान विभाग में विज्ञान और तकनीकी शब्दावलियों का राजनीति विज्ञान में उपयोग विषय पर राजनीति विज्ञान विभाग ने सेमिनार आयोजित किया. उद्घाटन कुलपति डॉ साधन चक्रवर्ती ने किया. रजिस्ट्रार डॉ अमित अब्राहम, राजनीति विज्ञान के विभागाध्यक्ष कुणाल देबनाथ आदि उपस्थित थे. कुलपति डॉ चक्रवर्ती ने पुस्तक ‘राजनीति विज्ञान की मुलभूत शब्दावली’ का विमोचन किया.
देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों के प्रोफेसरों एवं शोधकर्ताओं ने मिलकर इस पुस्तक को लिखा है. पुस्तक में राजनीति विज्ञान के पाठयक्रम एवं मुलभूत विषयों से संबंधित विषय वस्तुओं के साथ ही 4500 शब्दकोषों का संग्रह है. जिसे भविष्य में बढ़ा कर 19000 शब्दकोष किये जाने की योजना है. सेमिनार में मुख्य वक्ताओं में रविंद्र भारती विश्वविद्यालय के प्रोफेसर बिश्वनाथ चक्रवर्ती, प्रोफेसर इशानी नस्कर, कल्याणी विश्वविद्यालय के प्रोफेसर प्रतीप चटर्जी, लेडी बार्बर्न कॉलेज (कोलकाता) के प्रोफेसर पीयू घोष ने राजनीति विज्ञान में नित बदलते पाठयक्रमों के बारे में चर्चा की. पुस्तक के लेखन में बिश्वनाथ चक्रवर्ती, पीयू घोष, प्रतीप चटर्जी, देबाशिष नंदी, प्रदीप मुखर्जी आदि ने सहयोग किया है. केएनयू के राजनीति विज्ञान के विभागाध्यक्ष श्री देबनाथ ने कहा कि स्टूडेंटस बचपन से ही मातृभाषा में पढ़ते-लिखते आये हैं. उनकी मातृभाषा पर पकड़ अन्य भाषाओं की अपेक्षा कहीं अधिक मजबूत होती है. परंतु उच्च कक्षाओं में अंग्रेजी भाषा में पढ़ाये जाने के कारण उन्हें पठन-पाठन और अनुवाद संबंधित समस्याओं से जूझना पड़ता है और उनका प्रदर्शन प्रभावित होता है. उन्होंने कहा कि राज्य के विश्वविद्यालयों में 90 प्रतिशत बांग्ला और 10 प्रतिशत ऐसे हंिदूी भाषी स्टूडेंटस पठन पाठन करते हैं जो बचपन से ही अपने मातृभाषाओं में पढ़ते आये हैं. उन्होंने कहा कि पूरे भारत में राजनीति विज्ञान पर शब्दावलियों के 4500 शब्दकोष के साथ हिंदी और बांग्ला में अनुवाद की गयी यह पहली पुस्तक प्रकाशित की गयी है. उन्होंने पुस्तक को बहुपयोगी बताते हुए इससे राजनीति विज्ञान के स्टूडेंटसों को लाभ होने की बात कही. उन्होंने कहा कि केएनयू के राजनीति विज्ञान विभाग में एक कमेटी बनायी जायेगी, जो विभाग के पठन-पाठन के स्तर को बेहतर बनाने संबंधी प्रस्ताव देगी. भविष्य में राजनीति विज्ञान के अन्य विभागों राजनीति सोशोलॉजी, राजनीति थ्योरी, अंतरराष्ट्रीय विभाग, पब्लिक एंड एडमिनिस्ट्रेशन आदि विषयों पर भी पुस्तकों का विमोचन किया जायेगा.
केएनयू के राजनीतिक विभाग ने आयोजित किया राष्ट्रीय सेमिनार
विज्ञान और तकनीकी शब्दावलियों का राजनीति विज्ञान में उपयोग पर हुई चर्चा
‘राजनीति विज्ञान की मुलभूत शब्दावली’ का विमोचन किया कुलपति डॉ साधन ने

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