इसीएल को बेहतर रेटिंग नहीं मिलने से अधिकारियों में निराशा

सांकतोडिया : कोयला उत्पादन में सदैव अग्रणी रहने के बाद भी ईसीएल एमओयू रेटिंग में पिछड़ गयी. डिपार्टमेंट ऑफ पब्लिक इंटरप्राइजेज के द्वारा करायी गयी इस रेटिंग में पिछ़ड़ने का खामियाजा अधिकारियों को भुगतना पड़ सकता है. अधिकारीयों में इससे काफी रोष है. सनद रहे कि इस रेटिंग के आधार पर ही अधिकारियों की पीआरपी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 4, 2018 1:30 AM
सांकतोडिया : कोयला उत्पादन में सदैव अग्रणी रहने के बाद भी ईसीएल एमओयू रेटिंग में पिछड़ गयी. डिपार्टमेंट ऑफ पब्लिक इंटरप्राइजेज के द्वारा करायी गयी इस रेटिंग में पिछ़ड़ने का खामियाजा अधिकारियों को भुगतना पड़ सकता है. अधिकारीयों में इससे काफी रोष है. सनद रहे कि इस रेटिंग के आधार पर ही अधिकारियों की पीआरपी निर्धारित होती है.
सूत्रों के अनुसार कम रेटिंग होने से पीआरपी कम मिलेगा. प्रति वर्ष सार्वजनिक उपक्र मों की एमओयू रेटिंग निर्धारित होती है. कोल इंडिया की भी सभी कंपनियों की रेटिंग की जाती है. यह रेटिंग बीते वित्तीय वर्ष में उत्पादन, उत्पादकता, सीएसआर, श्रमिक कल्याण, सामाजिक कल्याण एवं लाभ समेत अन्य बिंदुओं के आधार पर निर्धारित होता है. वित्तीय वर्ष 2016-17 का एमओयू स्कोर निगमित आयोजन विभाग के महाप्रबंधक मनोज कुमार सिंह ने जारी किया है. इस रिपोर्ट के मुताबिक सर्वाधिक उत्पादन करने वाली कंपनी ईसीएल पिछड़ गयी है. 51.36 स्कोर लेकर गुड रैंक मिला, जबकि कोयला उत्पादन नहीं करने वाली कंपनी सीएमपीडीआइ को 94.91 स्कोर के साथ एक्सीलेंट रैंक मिला है.
इस रिपोर्ट के आधार पर ही अधिकारियों का परफारमेंस रिलेटेड पे (पीआरपी) का निर्धारण होगा. कम रेटिंग होने से कंपनी के अधिकारियों को पीआरपी की राशि भी कम मिलेगी. उनका कहना है कि लगातार जमीनी स्तर पर काम करने के बाद भी कम स्कोर मिलना चिंता का विषय है. इससे अधिकारियों का मनोबल गिरेगा और उनकी कार्यक्षमता पर असर पड़ेगा. सबसे ज्यादा खराब स्थिति डब्ल्यूसीएल की है. इस कंपनी को 41.40 स्कोर ही मिल सका है. इसके बाद ईसीएल ने 51.36 स्कोर लेकर गुड रैंक हासिल किया. ईसीएल51.36, बीसीसीएल 72.76, सीसीएल 73.04, एनसीएल 85.58 ,डब्ल्यूसीएल 41.40, एसईसीएल को 71.91 एमसीएल को 71.39 सीएमपीडीआइ को 94.91 अंक मिले हैं.

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