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चककेशवगंज में बना चेकडैम संकट बना गारूई के लिए
आसनसोल : रेलपार के गारूई नदी के निकटवर्ती इलाकों में बरसात में आने वाली बाढ़ से बचाव को लेकर निगम स्तर से सफाई कार्यकिये जाने के बावजूद स्थानीय लोग गारूई नदी को लेकर आतंक में हैं. दूसरी और एनएच दो के चककेशवगंज के निकट गारूई नदी पर निगम स्तर से बनाये गये बांधको लेकर भी […]
आसनसोल : रेलपार के गारूई नदी के निकटवर्ती इलाकों में बरसात में आने वाली बाढ़ से बचाव को लेकर निगम स्तर से सफाई कार्यकिये जाने के बावजूद स्थानीय लोग गारूई नदी को लेकर आतंक में हैं. दूसरी और एनएच दो के चककेशवगंज के निकट गारूई नदी पर निगम स्तर से बनाये गये बांधको लेकर भी रेलपार के बाढ़ प्रभावित इलाकों के लोगों में कई तरह की आशंकाएं उभर कर आ रही हैं.
बांध को लेकर स्थानीय लोगों ने कहा कि इस बांध के होने के कारण नदी पूरी तरह जल को बहा ले जाने में असमर्थ है. अगर बांध न होता तो गारूई नदी में बरसात का अतिरिक्त पानी तेजी से निकल जाता.परिणास्वरूप रेलपार के रामकिशून डंगाल, अलीनगर, पंजाबी मोहल्ला, डीपोपाडा, हाजीनगर, तरी मोहल्ला आदि इलाकों में बाढ़ की स्थिति नहीं होती और न ही लोगों को हर साल इसके कारण आर्थिक नुकसान और शारीरिक कष्ट उठाना पडता.सृष्टीनगर से लेकर रेलपार के कई इलाकों में हल्की बारिश से ही बाढ़ सी स्थिति हो जाती है.
गुरूवार की सुबह तेज धूल और आंधी के साथ शुरू हुए बारिश के कारण रेलपार के इलाके अलीनगर, हाजीनगर, रामकिशून डंगाल, कल्ला, सातपुकूरिया, दिलदारनगर, आदि इलाके बुरी तरह प्रभावित हुए. इन इलाकों के कई घरों एवं दुकानों में पानी भर जाने से लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पडा.लोगों के घरों में पानी भर जाने से दैनिक कार्य बाधित हुआ और लोग गमलों , बालटी से घर में भरा पानी निकाले. रेलपार और दिलदारनगर में हुई बारिश से सड़कों में पानी जमा हो गया जिससे यातायात प्रभावित हुआ और लोगों को परेशानी का सामना करना पडा.
पीड़ित संजय यादव, उमेश यादव, राजकुमार प्रसाद आदि ने कहा कि कुछ घंटों की बारिश में यह हाल है तो बरसात में क्या हाल होगा सोच के ही डर लगता है. उन्होंने कहा कि हर साल बारिश में रेलपार के लोगों को परेशानी और आर्थिक नुकसान उठाना पडता है सरकार की और से जल्द ही कोई निर्णय लिया जाना चाहिए.
निगम के अधीक्षण अभियंता सुकमल बनर्जी ने गारूई नदी संबंधित किसी मामले में टिप्पणी से इंकार किया. चेयरमैन् अमरनाथ चटर्जी ने कहा कि काम किया जा रहा है. गारूई नदी से राहत दिलाने के लिए डीपीआर भेजा गया है. डीपीआर के स्वीकृत होने पर कार्य आरंभ किया जायेगा. चक केशवगंज स्थित गारूई नदीपर बनाये गये बांध के बारे में उन्होंने कहा कि रविवार को कमेटी के सदस्य बैठक करेंगे और चककेशव गंज स्थित बांध ओर रेलपार के इलाकों का मुआयना किया जायेगा.
मेयर जितेंद्र तिवारी द्वारा गठीत गारूई नदी कमेटी के सदस्य सह बोरो चेयरमैन गुलाम सरवर ने कहा कि कमेटी के संयोजक सह निगम चेयरमैन अमरनाथ चटर्जी की अध्यक्षता में सिर्फ एक बार ही बैठक हुई है. श्री चटर्जी को
मामले को गंभीरता से लेते हुए कई चरणों में बैठक कर लगातार काम करना था. बैठक न होने से गारूई नदी के काम में क्या उन्नतिहुई है या क्या नये प्रस्ताव हों इन विषयों पर विमर्श नहीं किया जा सका. उन्होंने निगम स्तर से गारूई नदी के किनारों पर कराये जा रहे सफाई कार्यों पर कहा जहां सफाई होनी थी वहां सफाई न होकर कल्ला इलाके में सफाई की जा रही है. इससे शायद ही कोई लाभ होगा. गारूई नदी संलग्न इलाकों में निगम की जमीन को चिंहित करना चाहिए था. इससे नदी के किनारों पर नये सिरे से निर्माण कार्य नहीं हो सकेगा.
कमेटी सदस्य सह पार्षद कविता यादव ने कहा कि निगम स्तर से समाधान को लेकर कार्य किया जा रहा है. पार्षद वशीमुल हक ने कहा कमेटी के संयोजक स्तर से सिर्फ एक ही बैठक बुलाई गयी है. समस्या होने पर पीडित लोग हम पार्षदों से जवाब मांगते हैं. उन्होंने कहा कि संयोजक को जिम्मेवारी लेते हुए आगे कार्य करना चाहिए था. पार्षद दीपक साव एवं पार्षद नसीम अंसारी ने कहा कि गारूई नदी से हमारे इलाकों में सर्वाधिक तबाही देखी जाती है. लोग शिविरों में आश्रय लेने को विवश होते हैं. इस समस्या के स्थायी समाधान होना चाहिए.
ज्ञात हो कि हर वर्ष बरसात के दिनों में रेलपार के गारूई नदी में जल स्तर बढ़ने से गारूइ नदी से सटे निकटवर्ती इलाकों में भीषण बाढ़ के कारण बड़े स्तर पर जन धन की हानी होती है. लोगों के घर, दिवाल,अनाज, कपडे गददे, मवेशी बह जाते हैं. लाखों रूपयों का नुकसान उठाना पडता है. गारूई नदी के किनारे स्थित वार्ड संख्या 25 के अली नगर, हाजी नगर, नूरानी मस्जिद, छपरईया मोड, वार्ड संख्या 27 के रामकिशुन डंगाल,पंजाबी मोहल्ला, मंगल पांडे सेतू एवं राजेंद्र सेतू संलग्न इलाकों के आवास एवं दुकान, वार्ड संख्या 28 के तहत भीष्टी मोहल्ला, बालू मैदान, महुवा डंगाल, मुसददी मोहल्ला, वार्ड संख्या 29 तरी मोहल्ला, नयी बस्ती, सोन पापडी गली, वार्ड संख्या 30 के डीपो पाडा, दोमहानी ब्रिज आदि इलाकों के लोगों के आवासों एवं दुकानों में नदी का पानी भर जाने से लोग अपने घरों को छोड़ कर सुरक्षित स्थानों पर आश्रय लेने को विवश होते हैं.
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