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अनुकंपा पर नौकरी नहीं, मिलेगी नकदी

सांकतोड़िया : कोलकर्मियों के आश्रितों को नौकरी देने तथा शिक्षित तथा योग्यता के अनुसार काम देने से प्रबंधन ने इंकार कर दिया है. प्रबंधन का कहना है कि आश्रितों को नौकरी की बजाय मुआवजा दिया जायेगा. सिर्फ खदान दुर्घटना में दिवंगत कर्मियों के आश्रित को नौकरी दी जायेगी. इस पर यूनियन प्रतिनिधियों ने आपत्ति जताते […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 13, 2018 1:28 AM
सांकतोड़िया : कोलकर्मियों के आश्रितों को नौकरी देने तथा शिक्षित तथा योग्यता के अनुसार काम देने से प्रबंधन ने इंकार कर दिया है. प्रबंधन का कहना है कि आश्रितों को नौकरी की बजाय मुआवजा दिया जायेगा. सिर्फ खदान दुर्घटना में दिवंगत कर्मियों के आश्रित को नौकरी दी जायेगी. इस पर यूनियन प्रतिनिधियों ने आपत्ति जताते हुए कहा कि सुविधाओं में कोई कटौती नहीं होगी.
ईसीएल समेत अन्य कंपनी में कार्यरत कर्मियों के आश्रितों को नौकरी देने हेतु 9.3.0 तथा 9.4.0 नियम बना हुआ है. इसके तहत मेडिकल अनफिट, खदान में दुर्घटना होने पर आश्रितों को नौकरी देने का प्रावधान रखा गया है. प्रबंधन पिछले कुछ समय से अनुकंपा नियुक्ति नहीं देने पर अड़ा है. प्रबंधन का कहना है कि न्यायालय के आदेश के तहत सिर्फ खदान दुर्घटना में ही आश्रित को नौकरी दी जायेगी. इस मुद्दे को लेकर गुरुवार को कोलकाता में प्रबंधन एवं यूनियन प्रतिनिधियों के मध्य बैठक आयोजित की गई.
बैठक में प्रबंधन ने कहा कि खदान से बाहर दुर्घटना एवं मेडिकल अनफिट की स्थिति में कर्मियों के आश्रितों को नौकरी नहीं दी जा सकती है. सुप्रीम कोर्ट ने भी यह निर्णय किया है. इसका पालन करना जरूरी हो गया है. नौकरी के स्थान पर कर्मियों के आश्रितों को कंपनसेशन (मुआवजा) प्रदान किया जायेगा.
इस पर श्रमिक नेताओं ने कहा कि एग्रीमेंट के तहत कोयला खदान में कार्यरत कर्मियों के आश्रितों को नौकरी दी जा रही है. मुआवजा देने की बजाय नौकरी प्रदान की जाये. कोयला कंपनी में बने नियमों में बदलाव किसी भी स्थिति में मंजूर नहीं होगा. शिक्षा एवं योग्यता के अनुसार कर्मियों को नौकरी देने के मसले पर प्रबंधन ने दो टूक कह दिया कि इसे लागू नहीं किया जा सकता है, क्योंकि कई कर्मी ऐसे हैं जिन्हें अफसर बनाना होगा.
यूनियन प्रतिनिधियों ने कहा कि पढ़े लिखे योग्य कर्मियों को योग्यता अनुसार काम देने का प्रावधान है. सहमति नहीं बनने पर इस मुद्दे को उच्च कमेटी के समक्ष रखे जाने का निर्णय लिया गया. कोई सहमति नहीं बनने की वजह से बैठक स्थगित कर दी गयी. कोलकर्मियों की समस्याओं पर मंथन करने के लिए स्टैंडर्डाइजेशन कमेटी का गठन किया गया है. प्रबंधन ने यूनियन प्रतिनिधियों से नाम मांगे है. चारों केंद्रीय यूनियनों ने अपने प्रतिनिधियों के नाम बाद में देंगे. इसके बाद कमेटी की बैठक आयोजित की जायेगी.
नये नियम के मुताबिक बीएमएस एवं एचएमएस के दो-दो प्रतिनिधि होंगे, जबकि सीटू एवं एटक के एक-एक प्रतिनिधि होंगे. इससे सीटू एवं एटक ने आपत्ति जताते हुए कहा है कि उनके भी दो-दो सदस्य होने चाहिए. कोलकर्मियों के आश्रितों को नौकरी देने के मुद्दे पर आयोजित बैठक में कोई सहमति नहीं बन पायी. प्रबंधन ने नौकरी के बदले कंपनसेशन देने का प्रस्ताव रखा है. इसे इंकार करते हुए यथास्थिति बनाए रखने कहा गया है. योग्यता अनुरूप कार्य देने का मसला अब उच्च कमेटी के समक्ष रखा जायेगा.

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