आसनसोल. वर्षो से बंद पड़े 30 मेगावाट बिजली उत्पादन क्षमता वाले चिनाकुड़ी पावर प्लांट को नये सिरे से चालू करने के लिए इसीएल प्रबंधन ने ई-टेंडर जारी किया है. इसमें संबंधित कंपनी को 20 वर्षों के लिए इस प्लांट को लीज पर देने की बात कही गयी है. टेंडर प्रक्रिया में कनोरिया फाउंडेशन ग्रुप की कंपनी इंडिया पावर कॉरपोरेशन ने रिवर्स ऑक्शन प्रोसेस में लोवेस्ट कोस्ट बीडर में पहला स्थान प्राप्त किया है.
इसके बाद उसने इस प्रक्रिया में बढ़त बना ली है. इस संबंध में इसीएल के आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि टेंडर प्रक्रिया प्रारंभिक चरण में है. इस समय कोई टिप्पणी करने का कोई औचित्य नहीं है. सनद रहे कि यह पावर प्लांट कई वर्षों से बंद पड़ा है. इसमें 10 मेगावाट उत्पादन क्षमता की तीन यूनिटें हैं. इसीएल ही इससे उत्पादित बिजली का उपयोग करती है.
कई तकनीकी कारणों से यह प्लांट बंद पड़ा है. बिजली की बढ़ती मांग को देखते हुए इसीएल ने इसे 20 वर्षो के लिए लीज पर देने का निर्णय लिया है. संबंधित कंपनी को इसका पुनरूद्धार तथा उत्पादन का दायित्व सौंपा जायेगा. इसके लिए निविदा भी जारी कर दी गयी है. इंडिया पावर के सूत्रों ने इसकी पुष्टि की है कि रिवर्स ऑक्शन प्रोसेस में उनकी कंपनी लोअर कोस्ट बीडर साबित हुयी है.
अब आगे की प्रक्रिया पूरी होनी है. सूत्रों के अनुसार इसीएल की टेंडर प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी होती है तथा किसी भी तरह की गड़बड़ी की आशंका इसमें नहीं रहती है. इस कारण संभावना बन रही है कि शीघ्र की कंपनी टेंडर की अन्य सारी औपचारिकता पूरी कर लेगी. इस पावर प्लांट से उत्पादन शुरू होने से न सिर्फ इसीएल को सस्ते दर पर बिजली मिल सकेगी बल्कि उसे हर साल अनुमानत: 4.5 करोड़ रूपये की राशि लीज मद में मिल सकेगी. उत्पादन शुरू होने पर करीब डेढ़ सौ कर्मियों को प्रत्यक्ष रोदगार मिलेगा. जबकि परोक्ष रूप से एक हजार से अधिक परिवार इससे लाभान्वित होंगे.