ठेका श्रमिकों के भविष्य के साथ हो रहा है खिलवाड़

सांकतोडिया : कोयला खदानों में आउटसोर्सिंग के तहत कार्यरत ठेका मजदूरों की पीएफ राशि सीएमपीएफओ में जमा नहीं करायी जा रही है. इससे माइंस एक्ट एवं समझौते का उल्लंघन हो रहा है. मजदूरों में भारी आक्रोश है. श्रमिक संगठनों ने आपत्ति जताते हुए कहा कि राशि सीएमपीएफ में जमा हर हाल में करनी होगी. कोयला […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 1, 2018 3:19 AM
सांकतोडिया : कोयला खदानों में आउटसोर्सिंग के तहत कार्यरत ठेका मजदूरों की पीएफ राशि सीएमपीएफओ में जमा नहीं करायी जा रही है. इससे माइंस एक्ट एवं समझौते का उल्लंघन हो रहा है. मजदूरों में भारी आक्रोश है. श्रमिक संगठनों ने आपत्ति जताते हुए कहा कि राशि सीएमपीएफ में जमा हर हाल में करनी होगी.
कोयला खदान में कार्यरत कर्मियों की भविष्य निधि राशि कोल माइंस प्रॉविडेंट फंड में जमा की जाती है. माइंस एक्ट के प्रावधान के तहत नियमित कर्मियों के साथ ही खदान में ठेका एवं आउटसोर्सिंग के माध्यम से कार्यरत मजदूरों की राशि भी सीएमपीएफ में जमा होनी है, जबकि अन्य कंपनी में कार्यरत मजदूरों की राशि ईपीएफ में जमा की जाती है.
ईपीएफ को शासन के अधीन रखा गया है और पंजीकृत ठेकेदार मजदूरों के वेतन से राशि कटौती कर उसमें जमा करता है. वर्तमान में कोयला खदान में आउटसोर्सिंग के माध्यम 60 फीसदी से ज्यादा काम हो रहा है. इससे निजी कंपनियों के अधीन कार्यरत मजदूरों की संख्या अधिक है. नियमतः इन मजदूरों के वेतन से राशि कटौती कर ईपीएफ में जमा की जा रही है. निजी कंपनियों ने ईपीएफ में पंजीयन करा नंबर ईसीएल में जमा कराया है. इससे मजदूरों के वेतन से राशि कटौती कर ईपीएफ में जमा हो रही है.
इस पर श्रमिक संगठन प्रतिनिधियों ने आपत्ति जताते हुए ईसीएल के कार्मिक निदेशक को पत्र लिखा है कि आउटसोर्सिंग में कार्यरत मजदूरों की पीएफ की राशि ईपीएफ में जमा हो रहा है. माइंस एक्ट एवं समझौते का जानबूझकर उल्लंघन किया जा रहा है. जल्द ही समस्या का निदान नही किया जाता है, तो आंदोलन का रास्ता अख्तियार किया जायेगा.

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