एक बार फिर तीसरे मोर्चे की भरी हुंकार

सिलीगुड़ी : देश के विभिन्न राज्यों में हुए विधानसभा उपचुनाव परिणाम को देखते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने फिर से तीसरे मोर्चे की हुंकार भरी है. 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ सभी विरोधी दलों को एक साथ मिलकर मुकाबला करने का प्रस्ताव दिया है. तृणमूल […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 1, 2018 3:42 AM
सिलीगुड़ी : देश के विभिन्न राज्यों में हुए विधानसभा उपचुनाव परिणाम को देखते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने फिर से तीसरे मोर्चे की हुंकार भरी है. 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ सभी विरोधी दलों को एक साथ मिलकर मुकाबला करने का प्रस्ताव दिया है. तृणमूल सुप्रीमो ने भाजपा के खिलाफ एकजुट होने का आह्वान किया है.
उन्होंने कहा कि उपचुनाव का परिणाम लोकसभा के पहले भाजपा के लिए एक संकेत है.उन्होंने कहा ताकत के जोर पर सबकुछ जीतना संभव नहीं है. यह भारत है, यहां चार में से तीन घरों को तोड़कर कोई अपना एकछत्र राज कायम नहीं कर सकता. सिलीगुड़ी स्थित मिनी सचिवालय उत्तरकन्या में पत्रकारों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि कुल 10 विधानसभा सीटों के उपचुनाव में 9 सीटों पर भाजपा को हार का सामना करना पड़ा है. बीते लोकसभा चुनाव में बहुमत हासिल करने वाली भाजपा वर्तमान में 270 पर उतर आयी है.
इस उपचुनाव में क्षेत्रीय राजनीतिक पार्टियां शक्तिशाली साबित हुई है. बल्कि क्षेत्रीय पार्टियां हमेशा से ही अपने इलाके में शक्तिशाली रही हैं. क्षेत्रीय पार्टियों को अपनी ताकत समझनी होगी. लोकसभा चुनाव में भाजपा का नामो निशान खत्म करने के लिए सुश्री बनर्जी ने सभी क्षेत्रीय पार्टियों को गठबंधन के जरिये एकजुट होने की सलाह दी है. उन्होंने कहा कि हाल ही में कांग्रेस व जेडीएस ने मिलकर कर्नाटक में सरकार बनायी है. यह एक अच्छी पहल है.
यूपी से ही देश को नयी दिशा
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश ही लोकसभा चुनाव में देश की दिशा निर्धारित करेगी. मायावती, अखिलेश यादव और अजित सिंह के एक होने से यूपी में उनकी जीत तय है. पंजाब व राजस्थान में कांग्रेस काफी मजबूत स्थिति में है. मेघालय में एक सीट अधिक पाकर वह सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है. बिहार में आरजेडी काफी शक्तिशाली है. यहां तक कि आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव को जेल भेजने के बाद भी पार्टी की शक्ति कम नहीं हुई है.
पिछले कई उपचुनाव में आरजेडी ने बेहतर प्रदर्शन किया है. महाराष्ट्र में शिवसेना काफी मजबूत है. केरल में माकपा व कांग्रेस की स्थिति बेहतर है. झारखंड में झारखंड मुक्ति मोर्चा की स्थिति मजबूत है. इन सभी को लोकसभा चुनाव में लड़ाई करने के लिए एक रणनीति तैयार करनी होगी. लोकसभा चुनाव को अब ज्यादा वक्त नहीं है. इसलिए जितना जल्द हो सके सभी को एक छाते के नीचे आने की जरूरत है.
पंचायत चुनाव में धांधली नहीं
पश्चिम बंगाल की राजनीति को लेकर उन्होंने कहा कि बीते पंचायत चुनाव में छोटी-छोटी घटनाओं को लेकर राज्य चुनाव आयोग व सरकार पर काफी लांछन लगाये गये. लेकिन उसके बाद भी तृणमूल ने उम्मीद से बढ़कर सफलता हासिल की.उन्होंने दावा किया कि पंचायत चुनाव में कोई धांधली नहीं हुयी है.
इस बार महेशतला उपचुनाव में कांग्रेस व माकपा ने मिलकर एक उम्मीदवार को मैदान में खड़ा किया. भाजपा ने भी अपना दमखम लगाया. लेकिन इसके बाद भी तृणमूल उम्मीदवार ने तीस हजार अधिक वोटो से जीत हासिल की है. जबकि राज्य विधानसभा के इस उपचुनाव में मतदाताओं के अधिक केंद्र पर सीआरपीएफ के जवान तैनात थे. तृणमूल शुरू से ही लोगों के भरोसे पर खरी उतरी है, इसीलिए लोगों का समर्थन उसे प्राप्त हो रहा है.
एक पैसा दाम कम करना अपमान
पेट्रोल व डीजल की कीमत में लगातार वृद्धि को लेकर सुश्री बनर्जी ने कहा कि अंतराष्ट्रीय बाजार कीमत में उतार-चढ़ाव का असर पड़ता है. लेकिन लगातार 16 दिन पेट्रोल व डीजल की कीमत में वृद्धि करने के बाद एक पैसे की कमी करना, देश के नागरिकों का अपमान है.

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