सीवीओ करेंगे उद्योगों में कोयले की वैधता की जांच, गड़बड़ी पाये जाने पर उद्योग के खिलाफ की जायेगी कानूनी कार्रवाई

आसनसोल : ईंधन के रूप में कोयले का उपयोग करने वाले उद्योगों में जांच के लिए इसीएल में मुख्य सतर्कता अधिकारी के नेतृत्व में उच्चस्तरीय कमेटी का गठन किया गया है. यह कमेटी अपने क्षेत्र के किसी भी उद्योग में कोयले की बैधता की जांच के लिए जा सकती है. यदि कोयले की बैधता पर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 4, 2018 1:03 AM
आसनसोल : ईंधन के रूप में कोयले का उपयोग करने वाले उद्योगों में जांच के लिए इसीएल में मुख्य सतर्कता अधिकारी के नेतृत्व में उच्चस्तरीय कमेटी का गठन किया गया है. यह कमेटी अपने क्षेत्र के किसी भी उद्योग में कोयले की बैधता की जांच के लिए जा सकती है. यदि कोयले की बैधता पर कोई शक होता है तो जांच के लिए कोयले का नमूना संग्रह किया जायेगा और कोयला अबैध पाये जाने पर उस उद्योग के खिलाफ कानूनी कार्यवाई करने का अधिकार कमेटी को होगा.
सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय और कोल स्टैंडिंग कमेटी की अनुशंसा पर कंपनी ने कमेटी गठन करने की दिशा में पहल की है. कमेटी के कार्य को लेकर स्टैंडर्ड ऑर्डर प्रोसिड्यूर(एसओपी) तैयार हो चुका है. अंतिम मंजूरी के लिए कंपनी के चेयरमैन सह प्रबंध निदेशक को सतर्कता विभाग ने भेजा है. मंजूरी मिलते ही कमेटी अपना कार्य आरंभ करेगी.
सनद रहे कि केंद्र सरकार और अन्य के खिलाफ अशोक स्मोकलेस के खिलाफ कोल इंडिया लिमिटेड ने सर्वोच्च न्यायालय में मामला दायर किया था. जिसपर एक दिसंबर, 2006 को न्यायाधीश बीपी सिन्हा और पीपी नावलेकर की खंडपीठ ने अपना निर्णय दिया. इसमें कहा गया कि कोयला कंपनी के सीएमडी अपने अधिकार क्षेत्र में कोयला की बैधता की जांच करें.
केंद्र सरकार को कहा गया कि कोयला सचिव की अध्यक्षता ने अबैध कोयला कारोबार पर निगरानी के लिए कमेटी गठित करें. इसके उपरांत कोल स्टैंडिंग कमेटी ने भी कोयला कंपनियों में मुख्य सतर्कता अधिकारी के नेतृत्व में जांच टीम गठित करने की अनुशंसा की. जिसका कार्य विभिन्न उद्योगों में उपयोग होने वाली कोयले की बैधता का जांच करना होगा. इस आधार पर ही इसीएल में एक उच्च स्तरीय जांच कमेटी गठन की प्रक्रिया आरम्भ हुयी.
जांच टीम कैसे कार्य करेगी
सूत्रों के अनुसार टीम में सतर्कता विभाग के अधिकारी, सुरक्षा विभाग के अधिकारी, सीआईएसएफ के अधिकारी और क्वालिटी कंट्रोल विभाग के अधिकारी शामिल होंगे. किसी भी उद्योग में जाने से पहले उद्योग में जांच के लिए सर्च वारंट प्राप्त करना होगा. इसके उपरान्त स्थानीय पुलिस को साथ लेकर उस उद्योग में जांच के लिए टीम जायेगी.
टीम उस उद्योग में कोयले से जुड़े सारे दस्तावेज देखेगी. एसओपी तैयार होने के दौरान कंपनी का उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल टीम इस मुद्दे को लेकर जिलाशासक शशांक सेठी के साथ भी बैठक कर चुकी है. जिसमे श्री सेठी ने इस कार्य मे हर सम्भव सहयोग करने का आश्वासन भी दिया है.

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