दुबेश्वरी कोलियरी में कर्मियों के तबादले के नोटिस से हड़कंप

सांकतोड़िया : सोदपुर क्षेत्र के पारबेलिया समूह की दुबेश्वरी कोलियरी के कर्मियों को तबादले की नोटिस दिए जाने से कोलियरी कर्मियों में हड़कंप है. वे इसे कोलियरी की बंदी से जोड़ कर देख रहे हैं. दुबेश्वरी कोलियरी के सभी कर्मियों और स्टाफों को एक सप्ताह के अंदर अपने इच्छित एरिया, परियोजना या खदान में तबादले […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 6, 2018 4:56 AM
सांकतोड़िया : सोदपुर क्षेत्र के पारबेलिया समूह की दुबेश्वरी कोलियरी के कर्मियों को तबादले की नोटिस दिए जाने से कोलियरी कर्मियों में हड़कंप है. वे इसे कोलियरी की बंदी से जोड़ कर देख रहे हैं. दुबेश्वरी कोलियरी के सभी कर्मियों और स्टाफों को एक सप्ताह के अंदर अपने इच्छित एरिया, परियोजना या खदान में तबादले के आवेदन देने या फिर प्रबंधन द्वारा जबरन किसी जगह तबादला कर दिए जाने का नोटिस कोलियरी के सूचना पट्ट पर चिपका दिया गया है.
प्रबंधन के अनुसार खदान में अंदर अनुमोदित पैनल "बी" को स्थानीय लोगों के झमेला किये जाने के कारण बंद कर दिया गया है. जिससे ब्लास्टिंग बंद होने औऱ तदनुरूप कोयला उत्पादन ठप हो गया है. कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं होने के कारण कंपनी लक्ष्य के मुताबिक उत्पादन नहीं होने से काफी नुकसान को देखते हुए सभी को तबादले लिए नोटिस दिया गया है. सोदपुर एरिया के महाप्रबंधक मुकेश कुमार जोशी ने कहा कि स्थानीय ग्रामीणों के विरोध के कारण कोलियरी बंद करने का निर्णय लिया गया है.
ग्रामीणों का कहना है कि डीपिलरिंग / ब्लास्टिंग करने से उनके मकानों में दरारें आ रही हैं. कंपन हो रहा है. अंदर बालू की भराई विधिवत की जा रही है. खदान के अंदर अभी भी 20 लाख टन बढ़िया कोयले का भंडार है. भारतीय मजदूर संघ के प्रदेश सचिव जयनाथ चौबे ने कहा कि ये गतिरोध राज्य सरकार के उदासीन रवैये के कारण है. सभी श्रमिक संगठन दिन रात मेहनत कर रहे हैं. प्रदेश सरकार उद्योग समाप्त करने पर तुली हुई है. जबकि उद्योगों से राज्य सरकार को भी फायदा है.

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