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सरेंडर करने की याचिका वापस ले ली कृष्णेंदू ने

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आसनसोल : हत्या, रंगदारी, अपहरण सहित विभिन्न मामलों के आरोपी इलाके के दबंग कृष्णेन्दू मुखर्जी के मंगलवार को आसनसोल अदालत में सरेंडर करने की याचिका अतिरिक्त मुख्य न्यायाधीश प्रभारी द्वितीय कोर्ट आसनसोल में दाखिल होते ही पुलिस महकमे में हलचल मच गयी. पूरा कोर्ट परिसर पुलिस छावनी में तब्दील हो गया. पुलिस ने भी न्यायिक […]

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आसनसोल : हत्या, रंगदारी, अपहरण सहित विभिन्न मामलों के आरोपी इलाके के दबंग कृष्णेन्दू मुखर्जी के मंगलवार को आसनसोल अदालत में सरेंडर करने की याचिका अतिरिक्त मुख्य न्यायाधीश प्रभारी द्वितीय कोर्ट आसनसोल में दाखिल होते ही पुलिस महकमे में हलचल मच गयी. पूरा कोर्ट परिसर पुलिस छावनी में तब्दील हो गया.
पुलिस ने भी न्यायिक हिरासत में कृष्णेन्दू के सोन अरेस्ट के लिए अदालत में याचिका दाखिल किया. लेकिन मामले के सुनवाई के पूर्व कृष्णेन्दू के वकील ने सरेंडर की अपनी याचिका वापस ले ली. उसने अदालत में दलील दी कि उसके मुवक्किल को अदालत में खतरा है, इसलिए सरेंडर करना सुरक्षित न होने के कारण वह सरेंडर की याचिका वापस ले रहे हैं.
राज्य में अदालती परंपरा के अनुसार वकील अपने गुड फेथ पर सरेंडर के आरोपी को अपने पास रख सकता है और समय पर उसे अदालत में पेश कर सकता है. ऐसी परम्परा के तहत कृष्णेदु के वकील ने भी उसे अपने पास ही रखा था. लेकिन स्थिति को देखते हुए सुनवाई से पहले ही से याचिका वापस ले लिया गया .
पुलिस ने क्या किया
नियमतः आरोपी के सरेंडर के उपरांत मामले की सुनवाई तक अदालत आरोपी को न्यायिक हिरासत में रख लेती है. लेकिन पश्चिम बंगाल में परम्परा है कि वकील आरोपी को न्यायिक हिरासत में जाने के बजाय गुड फेथ पर उसे अपने पास रख लेता है और सुनवाई के दौरान उसे पेश करता है. यहां भी कृष्णेन्दू के वकील ने उसे अपने पास रखा. पुलिस ने हीरापुर थाना कांड संख्या 362/17 रिभु बोस रंगदारी, 15/18 प्रयाग यादव के बेटे व भतीजे का अपहरण कर हथियार की नोंक पर संपत्ति रजिस्ट्री कराना और 16/18 मणिकांत शर्मा की संपत्ति पर जबरन कब्जा करना इन तीन मामलों के सोन अरेस्ट की अपील अदालत में दाखिल कर दिया.
सोन अरेस्ट तब दाखिल किया जाता है, जब आरोपी अन्य किसी जेल में बंद हो या कहीं भी न्यायिक हिरासत में हो. पुलिस को उम्मीद थी कि सरेंडर की प्रक्रिया में उसे न्यायिक हिरासत में रखा गया होगा. जहां से अन्य मामलों में सोन अरेस्ट दिखाकर उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा. इससे वह बाहर निकल नहीं पायेगा. उक्त तीन मामलों में पुलिस के पास उसके खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट है. अपुष्ट खबरों के अनुसार पुलिस ने सुकुमार विश्वास (जिसु ) हत्याकांड में भी सोन अरेस्ट के लिए अपील की थी. लेकिन दोपहर को सुनवाई के दौरान कृष्णेन्दू के वकील ने अपनी अपील वापस ले ली. इससे कृष्णेन्दू की गिरफ्तारी का मामला टल गया. कृष्णेन्दू को किसी भी मामले में जमानत न मिले इसके लिए पुलिस कानून की हर बारीकियों को खंगाल रही है.
क्या हुआ पूरा मामला
सूत्रों के अनुसार विभिन्न मामलों में आरोपी कृष्णेन्दू ने अपनी जमानत के लिए विभिन अदालतों में याचिका दायर की है. उच्च न्यायालय से उसे एक मामले में सशर्त जमानत भी मिली थी. लेकिन शर्त पूरा न कर पाने के कारण पुलिस की अपील पर वह जमानत रद्द हो गयी. जमानत की अनेकों अपील उच्च न्यायालय से खारिज हो गये. अतिरिक्त जिला जज वेकेशन अदालत से कृष्णेन्दू को राणा बनर्जी हत्याकांड में जमानत मिल गयी.इसके खिलाफ पुलिस ने उच्च न्यायालय की डिवीजन बेंच में जमानत रद्द करने की अपील की है.
इसे अदालत ने मंजूर कर लिया है. अगले सप्ताह सुनवाई होगी. जिला अदालत से हत्याकांड में मिली जमानत के आधार पर कृष्णेन्दू को आसनसोल अदालत में सरेंडर करना था. इसी प्रक्रिया को पूरा करने के लिए कृष्णेन्दू ने मंगलवार को आसनसोल अदालत में सरेंडर के लिए अपील की. लेकिन पुलिस की हरकत को देखते हुये सुनवाई से पहले हो उसके वकील ने अपील वापस ले ली.

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