बचत खाते पर आधी फीसदी घटी ब्याज दर
आसनसोल : एक जुलाई से कई वित्तीय प्रावधानों में बदलाव हो गया. अधिकतर बदलाव बैंकिंग प्रावधानों से जुड़े हैं. मुख्य बदलावों में एक बैंक के बचत खाते में ब्याज दर की कमी करना है. इसकी वजह से कुछ खास बैंक उपभोक्ताओं को कम ब्याज मिलने से आर्थिक नुकसान हो सकता है. कुछ वित्तीय एवं बैंकिंग […]
आसनसोल : एक जुलाई से कई वित्तीय प्रावधानों में बदलाव हो गया. अधिकतर बदलाव बैंकिंग प्रावधानों से जुड़े हैं. मुख्य बदलावों में एक बैंक के बचत खाते में ब्याज दर की कमी करना है. इसकी वजह से कुछ खास बैंक उपभोक्ताओं को कम ब्याज मिलने से आर्थिक नुकसान हो सकता है. कुछ वित्तीय एवं बैंकिंग संस्थाओं को जीएसटी के दायरे में लाया गया है. दरअसल बैंक के ग्राहकों को कई सेवाओं के चार्ज के साथ जीएसटी का भी भुगतान करना होगा. हालांकि मोबाइल सिम खरीदने में आधार कार्ड की अनिवार्यता रविवार से समाप्त कर दी गयी.
ब्याज दर में आधा फीसदी की कटौती: रविवार से बैंकों के बचत खातों की जमा राशि पर अब केवल 3.5 फीसदी वार्षिक दर से ब्याज मिलेगा. बीते 30 जून तक यह ब्याज दर चार फीसदी थी. इस तरह ग्राहकों को आंशिक तौर पर ब्याज के मुनाफे पर कुछ नुकसान सहन करना पड़ेगा. नये बदलाव के मुताबिक अब बैंक में उस राशि पर कम ब्याज मिलेगा. जिसका कोई दावेदार नहीं है. बैंक इस पैसे को डीईएएएफ में भेज देता है. अब इन खातों में जमा राशि पर 3.5 फीसदी की दर से साधारण वार्षिक ब्याज मिलेगा.
इस संबंध में बैंकों तक आधिकारिक सर्कुलर पहुंचने में कुछ समय लग सकता है. स्टेट बैंक के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि कई ग्राहक खाता खुलवाने के बाद उसे ऑपरेट नहीं करते हैं. से ग्राहकों पर लगाम लगाने के उद्देश्य से सरकार ने यह फैसला लिया है. एक साल तक बचत खाते में लेन-देन नहीं होता है तो बैंक उसे निष्क्रिय खाते में डाल देती है. दो साल बाद इस तरह के बैंक खाते नॉन ऑपरेटिव हो जाते हैं.