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रवींद्र मुक्त विद्यालय में अब हिंदी माध्यम से भी पढ़ाई

आसनसोल : राज्य की ममता बनर्जी सरकार ने हिंदी भाषियों को नया उपहार दिया है. अनौपचारिक शिक्षा के माध्यम से माध्यमिक व उच्च माध्यमिक में शिक्षा प्रदान करने वाली संस्था ‘द वेस्ट बंगाल काउंसिल ऑफ रवींद्र ओपेन स्कूलिंग’ (रवींद्र मुक्त विद्यालय) ने वर्तमान सत्र से ही हिंदी व संथाली माध्यम से माध्यमिक में अध्ययन की […]

आसनसोल : राज्य की ममता बनर्जी सरकार ने हिंदी भाषियों को नया उपहार दिया है. अनौपचारिक शिक्षा के माध्यम से माध्यमिक व उच्च माध्यमिक में शिक्षा प्रदान करने वाली संस्था ‘द वेस्ट बंगाल काउंसिल ऑफ रवींद्र ओपेन स्कूलिंग’ (रवींद्र मुक्त विद्यालय) ने वर्तमान सत्र से ही हिंदी व संथाली माध्यम से माध्यमिक में अध्ययन की सुविधा उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है.
अब तक सिर्फ बांग्ला माध्यम से पढ़ाई हो रही थी. फ‍िलहाल पूरे राज्य में रवींद्र मुक्त विद्यालय के 306 स्टडी सेंटर हैं. एक लाख से अधिक छात्र-छात्राएं पंजीकृत हैं और यहां शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं. ‘द वेस्ट बंगाल काउंसिल ऑफ रवींद्र ओपेन स्कूलिंग’के अध्यक्ष डॉ फाल्गुनी मुखर्जी ने प्रभात खबर से विशेष बातचीत में बताया कि पिछले वर्ष स्कूल शिक्षा विभाग ने औपचारिक रूप से इसकी मंजूरी दी थी.
शीघ्र ही औपचारिक रूप से पाठ्यक्रम की शुरुआत की जायेगी. शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी को इस बाबत पत्र दिये गये हैं तथा उनसे समय मांगा गया है. उनका समय मिलने के साथ-साथ उनके हाथों पाठ्यक्रम का उद्घाटन किया जायेगा.
डॉ मुखर्जी कहा कि फिलहाल बांग्ला माध्यम से पढ़ाई होती है. प्रश्न पत्र बांग्ला व अंग्रेजी में होते हैं. यदि कोई अंग्रेजी माध्यम से परीक्षा देता है, तो उत्तर पुस्तिका की जांच की जाती है, लेकिन अंग्रेजी में पढ़ाई की व्यवस्था नहीं है. लेकिन अब हिंदी माध्यम में पढ़ाई होगी. प्रश्न पत्र भी हिंदी में होंगे और छात्र उत्तर भी हिंदी में लिख सकेंगे. इससे हिंदी भाषा-भाषी लोगों को काफी फायदा होगा.
स्टडी सेंटर के लिए 40 हिंदी स्कूलों ने किया है आवेदन : डॉ मुखर्जी ने कहा कि हिंदी भाषा में माध्यमिक की पढ़ाई के लिए लगभग 40 स्कूलों ने आवेदन किया है. इनमें आसनसोल, रानीगंज, दुर्गापुर, बैरकपुर, चित्तरंजन, मालदा, जलपाईगुड़ी, बजबज, कोलकाता, कमरहट्टी सहित अन्य हिंदी भाषी बहुल इलाके के हिंदी स्कूल हैं.
स्टडी सेंटर में प्रत्येक शनिवार व रविवार को कक्षाएं होती हैं तथा यहीं नि:शुल्क पाठ्य पुस्तकें उपलब्ध करायी जाती हैं और परीक्षाएं आयोजित होती हैं. वर्तमान बोर्ड की तरह से ही इस बोर्ड से उत्तीर्ण छात्रों को समान मान्यता मिलती है.
पाठ्यक्रम व शिक्षण सामग्री तैयार
डॉ मुखर्जी ने बताया कि माध्यमिक के पाठ्यक्रम व शिक्षण सामग्री हिंदी में तैयार हो गयी है तथा इसी सत्र से हिंदी में पढ़ाई शुरू हो जायेगी. रवींद्र मुक्त विद्यालय में जून व दिसंबर दो सत्र में पढ़ाई होती है. औपचारिक रूप से उद्धघाटन के बाद छात्रों से भर्ती के लिए आवेदन मांगा जायेगा. इस पाठ्यक्रम में छात्राओं के लिए नि:शुल्क शिक्षण की व्यवस्था होती है, लेकिन छात्रों के लिए शुल्क लगता है.
क्या है रवींद्र मुक्त विद्यालय
आर्थिक बाधा व परेशानी के कारण समाज के सभी वर्ग के लोगों को शिक्षा प्राप्त करने का समान अवसर नहीं मिल पाता है. ऐसे लोगों के लिए पश्चिम बंगाल विद्यालय शिक्षा विभाग ने 1997 में रवींद्र मुक्त विद्यालय शुरू किया तथा 2001 में विधानसभा में रवींद्र मुक्त विद्यालय अधिनियम पारित किया गया. 2006 में रवींद्र मुक्त विद्यालय का नाम बदल कर ‘ द वेस्ट बंगाल काउंसिल ऑफ रवींद्र ओपेन स्कूलिंग’ रखा गया है.
स्डटी सेंटर के माध्यम से डब्ल्यूबीसीआरओएस माध्यमिक व उच्च माध्यमिक की शिक्षा प्रदान करता है. राज्य के अन्य बोर्ड वेस्ट बंगाल बोर्ड अॉफ सेकेंड्री एडुकेशन, वेस्ट बंगाल बोर्ड अॉफ मदरसा एडुकेशन या वेस्ट बंगाल काउंसिल ऑफ हायर सेकेंड्री एडुकेशन या नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपेन स्कूलिंग की तरह इस बोर्ड के माध्यम से प्राप्त शिक्षा व प्रमाणपत्र की पूरी मान्यता है.

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