दुर्गापुर : राज्य के स्कूल, कॉलेजों में फी वृद्धि व तोलाबाजी को लेकर सोमवार को छात्र फेडरेशन (एसएफआई) ने शहर के विभिन्न इलाकों में प्रतिवाद रैली निकाली. सिटी सेंटर की परिक्रमा करने के बाद एसएफआई समर्थक सिटी सेंटर स्थित महकमा शासक कार्यालय के समक्ष एकत्रित हुये और विरोध प्रदर्शन करने लगे. बाद में एक प्रतिनिधिमंडल ने महकमा शासक को ज्ञापन सौंपा तथा संबंधित विषय को लेकर कारवाई करने की मांग की. संगठन अध्यक्ष अंतरा घोष, मयंक चटर्जी ने बताया कि सरकारी स्कूल व कॉलेजों में फीस वृद्धि होने से गरीब छात्र-छात्राएं दाखिला नहीं ले पा रहे हैं.
अच्छे अंक, सूची में नाम होने के बावजूद आर्थिक तंगी के कारण एडमिशन नही मिल रहा है. सिर्फ सरकारी स्कूल, कॉलेजों की बात नहीं है. निजी स्कूल, कॉलेजों में भी यही हाल है. विभिन्न स्कूल, कॉलेजों में फीस वृद्धि होने से गरीब बच्चों का भविष्य अंधकार में जा रहा है. इन परिस्थितियों में जिनके पास पैसा है, उनके बच्चे ही शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं.
पैसों का खेल भी स्कूल, कॉलेजों में चल रहा है. शासक दल के लोग इसमें मिले हुये हैं. वे लोग भी रूपये लेकर एडमिशन करा रहे हैं. यह सब स्कूल कॉलेजों में बंद होना चाहिये. साथ ही गरीब छात्र-छात्राओं को कम पैसों में एडमीशन देने की व्यवस्था सरकार को करनी चाहिये. इस दौरान रूद्र देव वर्मण, उन्नीमेष प्रमाणिक, उत्सव घोष मौजूद थे.
बसों में छात्र-छात्राओं को मिले रियायत
आद्रा. छात्र-छात्राओं को यातायात की सुविधा प्रदान करने की मांग को लेकर ऑल इंडिया डीएसओ ने सोमवार को जिलाशासक कार्यालय परिसर के समक्ष प्रदर्शन करते हुये परिसर में स्थित जिला परिवहन विभाग के कार्यालय में जाकर विभिन्न मांगों से संबंधित ज्ञापन सौंपा. डीएसओ नेता विकास रंजन कुमार ने कहा कि इन दिनों बस का किराया बढ गया है.
छात्र-छात्राओं को शैक्षणिक संस्थान पहुंचने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. बस में रियायत नहीं दी जा रही है. कंडक्टर अभद्र व्यवहार करते हैं. कर्नाटक सरकार ने सभी छात्र-छात्राओं के लिये बस में यातायात नि:शुल्क कर दिया है. हमारी मांग है कि राज्य में सभी सरकारी तथा निजी बसों में छात्र-छात्राओं से वन थर्ड शुल्क लिया जाये. लम्बी दूरी तय करने वाले छात्र-छात्राओं की बसों में सीटों की व्यवस्था करनी होगी. अगर हमारी मांगें नहीं मानी गयी तो वृहद आंदोलन किया जायेगा. संगठन की ओर से जिला परिवहन विभाग के अधिकारियों ने संगठन की ओर से ज्ञापन सौंपा.