बिना रिश्वत दिये नामांकन मुश्किल, शिक्षकों की कमी से पढ़ाई बाधित
आसनसोल : सदर आसनसोल महकमा के विभिन्न कॉलेजों में छात्रों के दाखिले को लेकर वसूली, काजी नजरूल विश्वविद्यालय (केएनयू) में छात्रों के रिजल्ट निकलने में काफी विलम्ब होने, यहां स्थायी स्टाफ की कमी से पढ़ाई की प्रक्रिया बाधित होने के मुद्दे को लेकर माकपा की छात्र संगठन एसएफआई ने मंगलवार को महकमा शासक प्रलय रायचौधरी […]
आसनसोल : सदर आसनसोल महकमा के विभिन्न कॉलेजों में छात्रों के दाखिले को लेकर वसूली, काजी नजरूल विश्वविद्यालय (केएनयू) में छात्रों के रिजल्ट निकलने में काफी विलम्ब होने, यहां स्थायी स्टाफ की कमी से पढ़ाई की प्रक्रिया बाधित होने के मुद्दे को लेकर माकपा की छात्र संगठन एसएफआई ने मंगलवार को महकमा शासक प्रलय रायचौधरी के समत्र प्रदर्शन किया तथा ज्ञापन सौंपा. इससे पूर्व संगठन के छात्रों ने बीएआर मोड़ से रैली निकाली. रैली महकमा शासक कार्यालय के समक्ष सभा मे तब्दील हो गयी.
एसएफआई राज्य सचिव मंडली के सदस्य रुद्रदेव बर्मन, पश्चिम बर्दवान जिला के सचिव मैनाक चटर्जी ने सभा को संबोधित किया. जिला अध्यक्ष अन्तरा घोष, संयुक्त सचिव हिमांगपूर्ण चंद्र आदि उपस्थित थे. महकमा शासक श्री रायचौधरी ने उक्त मुद्दों पर उचित कार्यवाई करने का आश्वासन दिया.संगठन के जिला सचिव श्री चटर्जी ने कहा कि पूरे राज्य सहित आसनसोल महकमा के कॉलेजों में गुंडाराज चल रहा है.
मेरिट के आधार पर नाम निकलने के बावजूद बिना घूस दिए किसी भी छात्र का दाखिला नहीं हो रहा है. पैसा न देने पर मेरिट लिस्ट में नाम होने के बावजूद ऑनर्स विषयों में नामांकन नहीं हो पा रहा है. छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ किया जा रहा है. केएनयू में छात्रों के परीक्षा का परिणाम निकलने में काफी विलम्ब हो रहा है.
जिससे छात्रों को अगले नामांकन की प्रक्रिया में काफी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है. मार्क्सशीट न होने से कहीं भी आवेदन करने में छात्र अयोग्य साबित हो रहे है. केएनयू की स्थापना के वर्षों बाद भी यहां स्थायी शिक्षक कर्मचारी की नियुक्ति न होने से छात्रों का भविष्य संकट में आ गया है.
इन सभी मुद्दों को लेकर प्रशासन की हस्तक्षेप की मांग करते हुए मंगलवार को एसएफआई ने आंदोलन किया और महकमा शासक को उक्त मुद्दों के तत्काल समाधान करने को लेकर ज्ञापन सौंपा गया. महकमा शासक ने आश्वासन दिया है वे इन मुद्दों पर तत्काल कार्यवाई करेंगे. यदि कार्यवाई नहीं होती है तो बड़े आकार पर इन मुद्दों को लेकर आंदोलन किया जायेगा.