केंद्र सरकार के खिलाफ संगठित संघर्ष जरूरी

सांकतोड़िया : कोयला श्रमिक संघ (सीटू) के दो दिवसीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए माकपा पोलित ब्यूरो सदस्य तपन सेन ने वर्तमान परिवेश में मजदूरों के हालात पर प्रकाश डालते हुए कहा कि केंद्र की नीतियों की वजह से मजदूरों को नुकसान झेलना पड़ रहा है. उद्योगपतियों के हित में नियम- कायदे तैयार किए जा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 12, 2018 12:35 AM
सांकतोड़िया : कोयला श्रमिक संघ (सीटू) के दो दिवसीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए माकपा पोलित ब्यूरो सदस्य तपन सेन ने वर्तमान परिवेश में मजदूरों के हालात पर प्रकाश डालते हुए कहा कि केंद्र की नीतियों की वजह से मजदूरों को नुकसान झेलना पड़ रहा है. उद्योगपतियों के हित में नियम- कायदे तैयार किए जा रहे हैं. मजदूर कठिन दौर से गुजर रहा है. एकजुटता के साथ विरोध नहीं किया, तो भविष्य में मजदूरों का जीना मुहाल हो जायेगा.
एसईसीएल गेवरा के सीनियर रिक्रिएशन क्लब में आयोजित सम्मेलन का उद्घाटन अध्यक्ष महेश श्रीवास्तव ने किया.श्री सेन ने कहा कि यूनियन ने केंद्र की नीतियों का चरणबद्ध ढंग से विरोध करने की रूपरेखा तैयार की है. स्थानीय स्तर से लेकर केंद्र (दिल्ली) तक इसका विरोध किया जायेगा. आंदोलन में न सिर्फ मजदूर, बल्कि किसान एवं अन्य वर्ग के लोग भी शामिल होंगे. उन्होंने कहा कि कोयला मजदूरों पर भी लगातार हमले हो रहे हैं.
कोयला श्रमिकों के आश्रितों को नौकरी देना बंद कर दिया गया, पेंशन की स्थिति डगमगाई है. मैनपावर कम कर आउटसोर्सिंग को बढ़ावा दिया जा रहा है और अब कॅमर्शियल माइनिंग को मंजूरी देकर कोल इंडिया का अस्तित्व मिटाने के प्रयास चल रहे है.
उन्होंने कहा कि सभी श्रमिक संगठन को एकजुट होकर संघर्ष करना होगा, तभी केंद्र सरकार मजदूर विरोधी नीति से पीछे हटेगी.
महासचिव जेएस सोढ़ी ने प्रतिवेदन प्रस्तुत किया. जेबीसीसीआइ सदस्य डीडी रामानंदन, सेफ्टी बोर्ड मेंबर बीके श्रीवास्तव, मप्र इकाई के महासचिव प्रमोद प्रधान, छत्तीसगढ़ इकाई के महासचिव एएल लाल ने भी संबोधित किया.

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